मंडलाPublished: Dec 13, 2019 05:35:32 pm
Mangal Singh Thakur
संतान की इच्छा लेकर पहुंचते दंपति
लोगों की आस्था से जुड़ा है यहां का दलदल
नैनपुर. चकोर नदी के तट पर भरने वाले दलदली माता का मेला गुरुवार से शुरू हो गया है। लगातार पांच दिन भरने वाले मेले में पहले दिन से ही रौनक दिखाई देने लगी है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अगहन माह की पूर्णिमा तिथि से आयोजित हो रहे मेले में सिर्फ स्थानीय लोग या आसपास के ग्रामीण इलाकों से ही नहीं, बल्कि जिले के दूरदराज के इलाकों और अन्य जिलों से भी लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। नगर से लगभग तीन किलोमीटर पर जेवनारा ग्राम पंचायत के ग्राम सालीबाड़ा के समीप आस्था एवं धार्मिकता से परिपूर्ण माता दलदली की पूजा अर्चना कर माता से मन्नते मांगी जा रही हंैं। गुरुवार से आयोजित मेले में सैकड़ों की संख्या मे भक्तगण अपने परिवार के साथ पहुंचे और दलदली माता की पूजा अर्चना की।
अपने घर-आंगन में एक किलकारी सुनने की आस लिए यहां आ रहे हजारों लोग दलदली माता से मन्नत मांग रहे हैं। मान्यता है कि यहां संतान की चाह रखने वाले हजारों दंपति मां के दरबार में अपनी झोली को भर देने की अर्जी लगाते हैं। लोगों का दावा है कि दलदली माता उनकी मुरादें पूरी करती हैं। मंदिर के सामने दलदल में भरे पानी की भी लोगों द्वारा पूजा-पाठ किया जाता है। स्थानीय लोगों की माने तो यहां का पानी पीने से सारे रोग दूर हो जाते हैं।
लोगों की मान्यता है कि दलदली माता इसी स्थान से प्रकट हुई हैं इसलिए इस सिद्ध स्थान का नाम दलदली माता रखा गया है। नि:संतान दंपति पहले मंदिर के सामने दलदल पर भरे पानी की पूजा करते हैं और उसके बाद मंदिर के बाजू में पालने के सामने बैठकर संतान प्राप्ति की मन्नत मांगते हैं। संतान प्राप्ति के बाद दंपति अपनी संतान के साथ पहुंचते हैं और संतानदायनी दलदली माता को प्रसाद अपर्ण करते हैं। मंदिर के पुजारी अरुण के कथन के अनुसार संतानदायिनी कहे जाने वाली दलदली माता मंदिर अति प्राचीन है। पहले दादाजी और उनके पिता इस मंदिर पर पुजारी थे उनके बाद वो ए जवाबदारी संभाल रहे हैं। माता के दरबार में मन्नत मांगने से हर मुराद पूरी होती है।