script

संक्रामक मरीजों की भरमार से चरमराई व्यवस्था

locationमंडलाPublished: Oct 26, 2021 10:24:09 pm

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

बदलते मौसम के साथ बढ़े सर्दी-खांसी-बुखार के मरीज

The system crumbling due to the glut of infectious patients

The system crumbling due to the glut of infectious patients

मंडला. दो घंटे से बैठे हैं साब…! यहां तो कोई सुनने को तैयार नहीं, कोई जगह देने को तैयार नहीं। सर्दी-खांसी-बुखार के कारण पसलियां चल रही हैं। खड़े नहीं हो पा रहे हैं। मरीजों की कतार इतनी लंबी है कि खड़े होने की हिम्मत नहीं। कोई व्यवस्था ही नहीं यहां कि बूढ़े, कमजोर मरीजों के आने पर उन्हें भी डाक्टर से मिलने दिया जाए। ये व्यथा है राम मिलन परस्ते की, जो सोमवार को अपना और अपनी बीमार पत्नी का इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचे। ओपीडी में चिकित्सकों के कक्ष के सामने मरीजों की लंबी कतार में कुछ देर तो खड़े रहे लेकिन थक कर दरवाजे के पास बैठ गए। कुछ भले परिजनो ने बैठने के लिए कुर्सी की व्यवस्था तो बना दी लेकिन अंदर कक्ष में चिकित्सक से मिलने के लिए इंतजार करने की ही नसीहत देकर चले गए। सोमवार को मरीजों की भरमार होने के कारण ओपीडी के अधिकांश चिकित्सक कक्ष के सामने मरीजों की कतार दिखी। मरीजों को व्यवस्थित तरीके से चिकित्सको से मिलने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण बुजुर्ग मरीज, गर्भवती महिलाएं और टूटी हड्डियों के इलाज के लिए आने वाले मरीज ओपीडी में कुर्सी पर देर तक बैैठे मिले लेकिन उन्हें इलाज नहीं मिला।
टूटी सोशल डिस्टेंसिंग
एक ओर जिला प्रशासन दावे पर दावा किए जा रहे हंै कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए उचित प्रबंध किए जा रहे हैं लेकिन सबसे अधिक अव्यवस्था तो जिला अस्पताल में ही देखने को मिली जहां सर्दी, खांसी बुखार से पीडि़त मरीज न ही मास्क लगाए मिले और न ही सोशल डिस्टेंस का पालन करते दिखे। संक्रामक रोगों की चपेट में आकर इलाज कराने पहुंचे मरीजों को मास्क और सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन करते देखकर जिला प्रबंधन भी मौन ही रहा।
कोई व्यवस्था नहीं
जिला अस्पताल के आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले पांच दिनों में जिला अस्पताल में तीन हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच चुके हैं जिनमें से लगभग 2000 मरीज सर्दी-खांसी-जुकाम-बुखार से पीडि़त मिले। कोरोना संक्रमण अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है और विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड-19 के शुरूआती लक्षण भी सर्दी-खांसी-जुकाम-बुखार के ही हैं। इसके बावजूद लोग पूरी तरह से कोरोना संक्रमण के डर से अनभिज्ञ होकर कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करते रहे और जिला अस्पताल में इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई।
पंजीयन के लिए धक्का-मुक्की
जिला अस्पताल में इलाज कराने के लिए आने वालों की भीड़ अधिक होने के कारण कई लोग पहले पर्ची कटवाने का प्रयास करते नजर आए। इस दौरान दो बार विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई। पंजीयन काउंटर जिला अस्पताल के मुख्यद्वार से सटा हुआ है। मुख्य द्वार पर गाड्र्स की तैनाती होने के बावजूद अव्यवस्था बनी रही और गाड्र्स ने भी विवाद को निपटाने में कोई रुचि नहीं ली। उल्टे अंजान बनकर अपनी कुर्सी पर जमे रहे।

ट्रेंडिंग वीडियो