मंडला

परिक्रमावासियों के लिए धर्मशाला बनाने युवक ने किया भूमिदान

पिता की स्मृति में पुत्र द्वारा दी गई भूमि पर बनेगी धर्मशाला

मंडलाNov 25, 2021 / 08:00 am

Mangal Singh Thakur

परिक्रमावासियों के लिए धर्मशाला बनाने युवक ने किया भूमिदान

परिक्रमावासियों के लिए धर्मशाला बनाने युवक ने किया भूमिदान
रोहित चौकसे
निवास। नर्मदे हर कहते हुए नर्मदा परिक्रमा करने वाले श्रृद्धालु बड़ी संख्या में जिले से होकर गुजरने वाली माँ नर्मदा के तट से होते हुए अपनी परिक्रमा को पूरा करने आगे बढ़ते है। कोई पूरी परिक्रमा पैदल चलकर तो कोई वाहन के माध्यम से करता है। मां नर्मदा के तट पर परिक्रमावासियों को बहुत ही श्रृद्धाभाव से देखा जाता है। उनकी सेवा में अनेक स्थानों पर लोग भोजन समेत उनके खाने के लिए सामग्री प्रदान करते है। मंडला जिले के बहुत से क्षेत्रों में लोगों ने पराक्रमावासियों के लिए सदाव्रत की व्यवस्था भी कराई जाती है। परिक्रमावासियों के लिए कोई अपनी जमीन के एक टुकड़े की आय से इनकी सेवा करते हैं तो कोई सूखा भोजन देता है, कोई चाय-बिस्किट देता है तो कोई फलाहार कराता है। नर्मदा परिक्रमा के दौरान परिक्रमावासी के सिर्फ नर्मदे हर कहने मात्र से लोग उन्हेें आटा, दाल चांवल समेत अन्य खाद्य सामग्री दे देते है। पैदल परिक्रमा करने वाले भी दिन भर चलने के बाद शाम को किसी नर्मदा तट किनारे डेरा डाल कर मां नर्मदा की आरती और भजन में लीन हो जाते हैं।
जिले के विकासखंड निवास के ग्राम बिसौरा निवासी रितेश मिश्रा ने नर्मदा परिक्रमावासियों के लिए सदाव्रत और रूकने के लिए धर्मशाला बनाने अपने पिता की स्मृति में भूमि दान कर दी है। इस भूमि पर जन सहयोग से सर्वसुविधायुक्त एक धर्मशाला का निर्माण कराया जाएगा। जिसके लिए यहां अमरकंटक कल्याण आश्रम के महंत श्री योगेश्वरानंद महाराज द्वारा भूमिपूजन किया गया। रितेश मिश्रा ने बताया कि निवास मार्ग से रोजाना बहुत से परिक्रमावासी नर्मदा परिक्रमा के लिए निकलते है, लेकिन उनके ठहरने की व्यवस्था नहीं होने से परिक्रमावासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिसको देखते हुए हम यहां परिक्रमावासियों के लिए एक धर्मशाला बनाने की सोची और अपने पिता की स्मृति में इनके लिए भूमि दान कर दी।

जानकारी के अनुसार ग्राम बिसौरा में परिक्रमावासियों के लिए सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला बनाने के लिये स्व. लक्ष्मी प्रसाद मिश्रा की स्मृति में उनके पुत्रों द्वारा भूमि दान की गई है। धर्मशाला निर्माण के लिये ग्राम बिसौरा सहित आसपास के क्षेत्रों से भी आर्थिक सहयोग मिल रहा है। धर्मशाला निर्माण कार्य के लिये ग्रामवासियों ने एक समिति का गठन भी कर लिया है। धर्मशाला बन जाने के बाद यह धर्मशाला नर्मदा परिक्रमावासियों के लिये बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।
धर्मशाला निर्माण समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि धर्मशाला का निर्माण परिक्रमावासियों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इस धर्मशाला में परिक्रमवासी के लिए पूजन स्थल, भंडार कक्ष, रसोई, विश्राम स्थल, शौचालय आदि बनाया जाएगा। जिसके लिये ग्राम के साथ आसपास के क्षेत्रों से भी नर्मदा भक्तों द्वारा सहयोग मिल रहा है।
मां नर्मदा के भरोसे निकल पड़ते हैं परिक्रमावासी:
मां नर्मदा की परिक्रमा करने सैंकड़ों लोग निकलते है। जिनमें अधिकांश बुजुर्ग होते हैं। से सभी लोग मां नर्मदा के भरोसे घर छोड़कर नर्मदा परिक्रमा में निकल पड़ते हैं। उनको मां नर्मदा के भक्त सामग्री प्रदान करते हैं। जिससे उनकी भोजन की पूर्ति हो जाती है। परिक्रमावासी बताते है कि मां नर्मदा की ऐसी कृपा होती है कि हर दिन भोजन सामग्री मिल जाती है। परिक्रमा के दौरान भोजन की परिक्रमावासियों को परेशानी नहीं उठानी पड़ती।
इनका कहना है

निवास क्षेत्र से रोजाना नर्मदा परिक्रमावासी निकलते है, इस मार्ग में इनके लिए उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण हम अपने परिजनों के सहयोग से अपनी भूमि इन परिक्रमावासियों के ठहरने और सदाव्रत के लिए दान किए है, जल्द ही यहां धर्मशाला का निर्माण जनसहयोग से किया जाएगा।
रितेश मिश्रा, ग्राम बिसौरा
परिक्रमावासियों के लिये ग्राम में विशेष व्यवस्था के अभाव में इन्हें असुविधा तो होती ही थी, साथ ही ग्रामवासी परिक्रमावासियों की सेवा करने से वंचित रह जाते थे। अब ग्राम बिसौरा में धर्मशाला निर्माण हो जाने के बाद यहां से गुजरने वाले परिक्रमावासियों की सेवा का सौभाग्य यहां के लोगों को प्राप्त होगा।
धर्मेंद्र सिंह ठाकुर
निवास के बिसौरा ग्राम में रितेश मिश्रा द्वारा भूमि दान एवं ग्रामीण जनो के सहयोग से नर्मदा परिक्रमावासियों के लिए ठहरने की व्यवस्था कराई जा रही है। जिसके लिए सभी की भूमिका सराहनीय है। हम भी धर्मशाला निर्माण कार्य में अपने पिता स्व. विनोद जायसवाल, माता स्व. श्रीमति विधा जायसवाल की स्मृति में 11 हजार रूपए की राशि सहयोग के लिए दी है। इस कार्य में सभी को आगे आने की आवश्यकता है।
राजीव जायसवाल, समाजसेवी, निवास
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