scriptतीन दिनों की हड़ताल, अब सीधे ३१ को खुलेंगे ग्रामीण बैंक | Three-day strike, now open to 31 on rural banks | Patrika News

तीन दिनों की हड़ताल, अब सीधे ३१ को खुलेंगे ग्रामीण बैंक

locationमंडलाPublished: Mar 27, 2018 06:24:04 pm

Submitted by:

shivmangal singh

ग्रामीण बैंकों में सोमवार से सामान्य कामकाज बंद, ग्राहक होंगे परेशान

तीन दिनों की हड़ताल, अब सीधे ३१ को खुलेंगे ग्रामीण बैंक
मंडला. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के खाताधारकों के कोई काम अगले पांच दिन तक नहीं हो सकेंगे। जिले में स्थित ग्रामीण बैंक से जुड़ी शाखाओं के अधिकारी, कर्मचारी सोमवार 26 से 28 मार्च तक हड़ताल पर चले गए हैं। इसके बाद 29 और 30 को शासकीय अवकाश के कारण बैंक बंद रहेंगे। बैंकों के गेट अब सीधे 31 मार्च को खुलेंगे। इस दौरान बैंकों में सामान्य कामकाज नहीं हो सकेगा। यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियंस और आईआरआर बीईए अरेबिया के राष्ट्रीय आह्वान पर बैंक कर्मचारी-अधिकारी इस हड़ताल में शामिल हुए हैं। एसोसिएशन के जिला सचिव आरके सोनी, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष कुनाल रंजन, क्षेत्रीय सचिव जितेन्द्र करेचा, श्रीलाल नंदा, विजय कुमार, राजकुमार जैन, राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि माह मार्च में बैंकों के अत्याधिक काम होते हैं, लेकिन सरकार के ढीले रवैये के कारण इस महत्वपूर्ण माह में ग्रामीण बैंकों को हड़ताल के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। संगठन के पदाधिकारीयों ने बताया कि पूरे भारत में ५६ ग्रामीण बैंको के कर्मी अपनी मांगो को लेकर हड़ताल कर रहे है। उनका कहना है कि जहां हम ग्रामीण भारत में राज्य सरकारों सहित भारत सरकार के सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहे है, वहीं भारत सरकार हमारी न्याय संगत मांगो के निराकरण में कोताही बरत रही है। मजबूरन हमें तीन दिवसीय हड़ताल का कदम उठाना पड़ा। गौरतलब है कि सेवानिवृत्ति के पूर्व जो अधिकारी लगभग ५० हजार रूपए का वेतन पाता है, उसे सेवानिवृ़त्ति के बाद मात्र १८ सौ रूपए पेंशन प्राप्त होती है। एक दिन में ही ग्रामीण बैंक का अधिकारी गरीबी रेखा के नीचे आ जाता है। तीन दिवसीय हड़ताल के दौरान बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में पंडाल लगाकर धरना प्रदर्शन और प्रबंधन को ज्ञापन प्रस्तुत किया जाएगा।से टकराव
देश की ग्रामीण बैंकों के संगठन की केंद्रीय इकाइयों का वित्त विभाग और अन्य विभागों से वार्ता असफल होने के कारण यह आंदोलन किया जा रहा है। बताया जाता है कि कई वार्ताएं हुईं, लेकिन असफ ल रहने पर कर्मचारी संगठनो द्वारा तीन दिवसीय हड़ताल को यथावत रखा गया है। ग्रामीण बैंक के अधिकारी-कर्मचारी अन्य बैंकों की तरह बैंकिंग पेंशन समानता लागू करने, ग्रामीण बैंकों के निजीकरण एवं पब्लिक इश्यू के प्रस्ताव वापस लेने, अनुकम्पा नियुक्ति की सुविधा अगस्त 2014 से करने, बैंकिंग उद्योग की तर्ज पर कम्प्यूटर इंक्रीमेंट की सुविधा देने, प्रायोजक बैंकों की तरह सेवा शर्त, वेतन एवं अन्य भत्ते, लाभ, अवकाश, प्रोन्नती, भर्ती नियम, अनुशासनात्मक एवं सेवानिवृत्ति शर्तें समान रूप से लागू करने, प्रायोजक बैंकों के अनुसार ही दैनिक वेतनभोगी और आकास्मिक कर्मचारियों के लिए न्यूनतम भुगतान सीमा एवं अन्य सुविधा एवं लम्बित नियमितीकरण तत्काल लागू की करने की मांग कर रहे हैं।
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