scriptजंगल से पहले बाड़े में रहेगा बाघ | Tiger will remain in the enclosure before the forest | Patrika News

जंगल से पहले बाड़े में रहेगा बाघ

locationमंडलाPublished: Jun 22, 2018 07:04:18 pm

Submitted by:

shivmangal singh

कान्हा के बाघ को इसलिए भेज दिया सतकोसिया

Tiger will remain in the enclosure before the forest

Tiger will remain in the enclosure before the forest

मंडला. कान्हा प्रबंधन द्वारा 20 जून को मुक्त रूप से विचरण करने वाले एक बाघ एमबी-2 को को सतकोसिया टाईगर रिजर्व, उड़ीसा में पुनस्र्थापन के लिए रवाना किया गया। स्पेशल वैगन के जरिए सड़क मार्ग से ले जाया गया बाघ मंडला से लगभग 650 किमी की दूरी तय करते हुए 21 जून की शाम लगभग 4 बजे अपने गंतव्य तक सही सलामत पहुंच गया। फिलहाल उसे विशेष बाड़े में रखा गया है। उड़ीसा राज्य में स्थित सतकोसिया टाईगर रिजर्व में बाघों के पुनस्र्थापन के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून द्वारा एक विशेष योजना तैयार की गई है। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य द्वारा उड़ीसा राज्य को 6 बाघ (तीन जोड़े) पुनस्र्थापन के लिए दिया जाना है। कान्हा टाईगर रिजर्व से दो बाघ दिये जाने है एवं इसी कड़ी में बुधवार को पहले बाघ को रवाना किया गया था। बाघ एमबी-२ के सही सलामत सतकोसिया पहुंचने पर कान्हा प्रबंधन ने खुशी जाहिर की है।
कान्हा प्रबंधन के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार शुक्ल के अनुसार, अलग अलग चरणों में पर्यावरण अनुकूलन के अनुसार, प्रदेश के कान्हा, पन्ना, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बाघों को उड़ीसा के सतकोसिया पहुंचाया जाएगा। शुरुआती चरण में कान्हा से भेजे गए नर बाघ एमबी-२ की उम्र लगभग तीन वर्ष है। विशेष वाहन में ले जाए बाघ की निगरानी के लिए वाइल्ड लाइफ इन्स्टीट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आर रमेश उनकी टीम और असिस्टेंट कन्जवेटर ऑफ फॉरेस्ट-सतकोसिया वाइल्ड लाइफ डिवीजन, सतकोसिया के वन्य प्राणी चिकित्सक एवं फील्ड स्टाफ साथ था। बाघ एमबी-२ को सतकोसिया में विशेष रूप से डिजाइन किए गए बाड़े में छोड़ा गया है। इस दौरान उड़ीसा सरकार के वन एवं पर्यावरण के अतिरिक्त चीफ सेकेट्ररी सुरेश चंद्र मोहपात्र, डा संदीप त्रिपाठी- प्रिसिंपल चीफ कन्जर्वेटर ऑफ फारेस्ट वाइल्ड लाइफ एवं चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन उड़ीसा, डा एस पंडा – एडीशनल प्रिसिंपल चीफ कन्जर्वेटर ऑफ फारेस्ट, एसएमडीटी रहमान- डीएफओ, सतकोसिया वाइल्ड लाइफ डिवीजन आदि शामिल रहे। बताया गया है कि बाघ को स्वतंत्र रूप से जंगल में छोडऩे से पहले कुछ दिनों तक बाड़े में निगरानी के लिए रखा जाएगा ताकि उसकी शारीरिक और मानसिक स्थितियों की निरंतर मॉनिटरिंग की जा सके।
कान्हा फील्ड डायरेक्टर संजय शुक्ल ने बताया कि भारत के संरक्षण इतिहास में पहली बार किसी टाईगर रिजर्व से बाघ को अन्य राज्य में पुनस्र्थापन के लिए भेजा गया है। कान्हा प्रबंधन द्वारा उम्मीद जताई गई है कि यह बाघ इस महत्वकांक्षी परियोजना के उद्येेश्य को पूर्ण कर सतकोसिया टाईगर रिजर्व में बाघों की अच्छी संख्या स्थापित करने में सहायक होगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो