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फसल को पाले से बचाने सुझाव

locationमंडलाPublished: Jan 20, 2022 10:37:10 am

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

6 डिसे पहुंचा शहर का न्यूनतम तापमान

Snow again in Amarkantak due to cold winds, forecast of damage to 20 t

सर्द हवाओं में फिर अमरकंटक में जमीं बर्फ, पाला से 20 से 70 फीसदी रबी फसल को नुकसान के अनुमान

मंडला. मौसम खलुने के साथ ही तापमान में गिरावट शुरू हो गई है। पिछले दो दिन से चल रहीं सर्द हवाओं ने एकाएक ठंड बढ़ा दी। हाल यह है कि रविवार से ही पारा लुढ़कने लगा, जो जारी है। बुधवार को अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तो न्यूनतम 6.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। इस दौरान लोग ठंड से बचने के लिए तरह-तरह के जतन करते रहे। दोपहर को तेज धूप से भी राहत नहीं मिल सकी। लोग गर्म कपड़े से लिपटे रहे। शाम होते ही लोग अपने अपने स्तर पर अलाव चलाकर ठंड से राहत लेते दिखे। रविवार की बात करें तो न्यूनतम तापमान 10 डिसे था। सोमवार 7.8, मंगलवार 8.6 और फिर बुधवार को न्यूनतम 6.8 डिसे दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हुई है। जो रविवार को 21 डिसे दर्ज किया गया वहीं बुधवार को अधिकतम तापमान 25 डिसे रहा।


पाले से बचाने की सलाह
उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने फसलों को पाले से बचाने कृषकों को सलाह जारी की है। जारी एडवाईजरी में उन्होंने कहा है कि वर्ष 2021-22 में मंडला जिले में गेहूं की बोनी 48 हजार हेक्टर तथा दलहनी फसलों की बुवाई 85 हजार हेक्टेयर में हुई है तथा कुल रबी फसलों की बुवाई 166.89 लाख हेक्टेयर में की गई है। वर्तनान में ओला पाला एवं प्रतिकूल मौसम की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए कृषि विभाग द्वारा जिले के किसानों को सलाह दी गई है कि शीत लहर एवं पाले से फसल की सुरक्षा के लिए खेत की सिंचाई की जाए। यदि पाला पडऩे की संभावना हो या मौसम विभाग से पाला पडऩे की चेतावनी दी गई हो तो फसलों की हल्की सिंचाई करना चाहिए। इससे खेत का तापमान शून्य डिग्री से नीचे नहीं गिरेगा। इससे फसलों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। सिंचाई करने से खेत के तापमान में 5 से 2 डिग्री तक वृद्धि हो जाती है। फसल को पाले से बचाने के लिए खेत के किनारे धुआं करने से तापमान में वृद्धि होती है, जिससे पाले से होने वाली हानि से बचा जा सकता है। पाला पडऩे की संभावना होने पर फसलों पर गंधक का 0.1 प्रतिशत घोल कर छिड़काव करना चाहिए। इसके लिऐ 1 लीटर गंधक को 1000 लीटर पानी में घोलकर 1 हेक्टेयर क्षेत्रफल में छिड़काव करना चाहिए। ध्यान रखा जाये कि पौधों पर गोल का छिड़काव अच्छी तरह किया जाए। इस छिड़काव का असर दो सप्ताह तक रहता है। यदि इस अवधि के बाद भी शीतलहर एवं पाले की संभावना बनी रहे तो गंधक को 15-15 दिन के अंतर से छिड़काव करना चाहिए।


नुकसान पर 72 घंटे के अंदर दें सूचना
जिन किसानो द्वारा फसल बीमा कराया गया है ऐसे किसान ओलावृष्टि, अतिवृष्टि या अन्य कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, पटवारी एवं बीमा कंपनी को 72 घंटे के अंदर अवश्य सूचित करें। (टोल फ्री नंबर 18002337115) और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लें। जिले में कार्यक्रम फसल बीमा कंपनी के विकाखंडवार अधिकारियों के मोबाईल नंबर डिस्ट्रिक्ट कोड्रीनेटर मंडला 8827926177, ब्लॉक कोड्रीनेटर मंडला 9302580785, ब्लॉक कोड्रीनेटर बिछिया 9406809167, ब्लॉक कोड्रीनेटर घुघरी 9424632528, ब्लॉक कोड्रीनेटर नैनपुर 9098170700, ब्लॉक कोड्रीनेटर मोहगांव 7477204275, ब्लॉक कोड्रीनेटर निवास 9039196721, ब्लॉक कोड्रीनेटर बीजाडांडी 9691583889, ब्लॉक कोड्रीनेटर मवई 9131447128 एवं ब्लॉक कोड्रीनेटर नारायणगंज 6266949412 पर संपर्क कर सकते हैं। दलहनी फसलों में किटव्यापी का प्रकोप होने पर कृषि विभाग के मैदानी अमले एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों से संपर्क करें तथा अनुशंसित की गई दवाओं को पंजीकृत विक्रेताओं से क्रय कर पक्का बिल अवश्य प्राप्त करें तथा वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसित की गई दवाओं को निर्धारित मात्रा में छिड़काव करें।

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