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पगडंडी से आवागमन, 800 मीटर हिचकौले खाकर जाते है ग्रामीण

locationमंडलाPublished: Nov 24, 2021 01:19:11 pm

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

ग्राम पडरिया से नारायणगंज के बीच मुश्किल, ग्रामीण हो रहे परेशान

पगडंडी से आवागमन, 800 मीटर हिचकौले खाकर जाते है ग्रामीण

पगडंडी से आवागमन, 800 मीटर हिचकौले खाकर जाते है ग्रामीण

पगडंडी से आवागमन, 800 मीटर हिचकौले खाकर जाते है ग्रामीण
मंडला। जिले के आदिवासी बाहुल्य ग्रामीण क्षेत्र आज भी पगडंडी और जर्जर मार्ग से आवाजाही करने मजबूर है। आजादी के वर्षो बाद भी जिले के कई गांव विकास की बाट जोह रहे हैं। जिले में ऐसे कई गांव है, जहां मूलभूत सुविधाओं के साथ योजनाओं तक का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिले के नारायणगंज विकासखंड के ग्राम पंचायत पडरिया के भी यहीं हाल है। यहां नारायणगंज बस स्टेंड से करीब 800 मीटर का मार्ग जर्जर हालत पगडंडी नुमा है। बारिश के दिनों में यह मार्ग दलदल बन जाता है। जिससे आवाजाही में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां मार्ग वर्षो से बनने के इंतजार में है। मार्ग निर्माण के लिए ग्रामीणों द्वारा कई बार पंचायत से लेकर जिला प्रशासन तक शिकवा शिकायत की गई लेकिन आज दिनांक तक इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।
जानकारी अनुसार विकासखंड नारायणगंज के ग्राम पडरिया का एक क्षेत्र करीब 700 की जनसंख्या मार्ग के लिए वर्षो से गुहार लगा रहा है। यहां बस स्टेंड से पडरिया तक आने मार्ग नहीं है। यहां से गुजरने के लिए जो मार्ग है वह खेत की मेढऩुमा पगडंडी जैसा है। जिससे ग्रामीणों का पैदल चलना भी दूभर हो जाता है। उबड़ खाबड़ मार्ग में दोपहिया वाहनों का अनियंत्रित होने का खतरा हमेशा बना रहता है। जिसके कारण इस क्षेत्र की करीब 700 आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बारिश के सीजन में दो पहिया वाहन समेत पैदल निकलना भी परेशानी का सबब होता है। जिसके कारण ग्रामीणों में रोष है।

दलदल बन जाता है मार्ग :
पडरिया के 700 आबादी वाले क्षेत्र के लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बारिश में तो यह मार्ग दलदल हो जाता है। यदि झमाझम बारिश हो गई तो ग्रामीणों ओर स्कूली बच्चों को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कीचड़ के कारण पैदल चलने वालों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत से सड़क बनाने के लिए कई बार निवेदन कर चुके है। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। ग्रामीणों को मजबूरी में इस मार्ग से होकर आना जाना करने मजबूर है।
100 मीटर का मार्ग हुआ स्वीकृत :
पंचायत के सचिव हरदयाल मरावी ने बताया कि इस मार्ग के लिए बस स्टेंड की ओर से करीब साढ़े तीन लाख रूपए की लागत से 100 मीटर मार्ग निर्माण के लिए स्वीकृति मिली है। मार्ग बनाने के लिए जीबीडीपी से सम्मिलित किया गया है। पूर 800 मार्ग के लिए एकजाई नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण सिर्फ 100 मीटर मार्ग ही स्वीकृत किया गया है।
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