मंडलाPublished: Sep 27, 2020 10:24:05 pm
Mangal Singh Thakur
व्यवस्था बनाए बिना प्रशिक्षण देने से पनपा आक्रोश
जमीन पर घंटों बैठाकर कार्यकर्ताओं को दिया प्रशिक्षण
मंडला. इसे आदिवासी बहुल्य जिले में अधिकारियों की मनमानी कही जाएगी या आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का शोषण कि उन्हें जमीन पर बैठकर ही प्रशिक्षण लेने के लिए बाध्य किया गया। सीलन भरी जमीन पर घंटों बैठने से कार्यकर्ताओं को समस्याओं का सामना करना पड़ा इससे उनमें बेहद आक्रोश है। दरअसल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इस दौरान कार्यकर्ताओं को दो घंटे जमीन में बिठाकर मास्टर ट्रेनर द्वारा जानकारी दी गई। जमीन में बैठने से कार्यकर्ताओं को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा। जिसको लेकर आक्रोश भी देखा गया। जानकारी के अनुसार 28 सितंबर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम आयोजित किया जाना है। इस दिन बच्चों को घर-घर पहुंचकर कृमि नाशक दवाईयां खिलाई जाएंगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा फूलवाड़ी प्राथमिक शाला स्वामी सीताराम वार्ड में एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण दो पाली में आयोजित किया गया। पहली पाली सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक में वार्ड क्रमांक एक से 12 की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया। ं दूसरी पाली दोपहर 1 से तीन बजे तक वार्ड क्रमांक 13 से 24 तक का प्रशिक्षण हुआ।
बिना तैयारी के दिया प्रशिक्षण
बताया जा रहा है कि प्रशिक्षण पूर्व किसी प्रकार की व्यवस्थाएं नहीं की गई। पहली पाली में कार्यकर्ताओं को जमीन में बिना दरी के बैठना पड़ा। दूसरी पाली में दरी मंगाकर बिठाया गया। कुर्सी टेबिल की व्यवस्था ना होने से कार्यकर्ताओं को लगातार दो घंटे बैठने में परेशानी का सामना करना पड़ा। कुछ कार्यकर्ताओं का कहना था कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से अपना काम ही निकलवाया जाता है ना तो उन्हें सम्मान दिया जा रहा है ना ही सुविधाएं दी जा रही है। वहीं प्रशिक्षण देने वाले अधिकारियों ने बताया कि जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर को कोरोना केयर सेंटर बना दिया गया है जिसके कारण प्रशिक्षण के लिए स्कूल भवन का चयन करना पड़ा।