मंडला.अध्यापकों की अंशदायी पेंशन योजना के अन्तर्गत अध्यापकों के अंशदान और शासन के अंशदान की 10-10 प्रतिशत राशि कोषालय से आहरित कर राशि ट्रायवल कमिश्नर के खाते में जमा किये जाने के निर्देश हैं। साथ ही यह भी निर्देश भी हैं कि बीईओ उक्त राशि का ब्योरा एक्सेल सीट में तैयार कर ट्रायवल कमिश्नर को मेल करेेगें ताकि राशि अध्यापकों के प्रान खाते में जमा कराई जा सके। लेकिन जिले के अधिकतर बीईओ द्वारा ट्रायबल कमिश्नर कार्यालय में मेल नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि अध्यापकों को आर्थिक लाभ उठाना पड़ रहा है। इस बारे में अध्यापकों का कहना है कि राशि निकासी होने पर उनके पक्ष में निवेश होता है और उन्हें आर्थिक लाभ होता है। राज्य अध्यापक संघ के जिला शाखा अध्यक्ष डी के सिंगौर का कहना है कि जिले भर में नारायणगंज बीईओ के अतिरिक्त किसी भी बीईओ द्वारा जानकारी ट्रायबल कमिश्नर कार्यालय में मेल नहीं की जा रही है जिससे अध्यापकों के अंशदान की काटी गई राशि जाम पड़ी हुई और उस राशि का अध्यापकों के पक्ष में निवेश भी रुका हुआ है। बताया जा रहा है कि नारायणगंज के अलावा समस्त बीईओ की लापरवाही तब उजागर हुई जब नारायणगंज ब्लाक के सभी अध्यापकों के एनएसडीएल प्रान खाते में अप्रैल 2017 से दिसम्बर 2017 तक की राशि जमा हो गई लेकिन जिले के अन्य अध्यापकों के खाते मे नवम्बर 2016 के बाद कोई भी राशि जमा नहीं हुई है। यह बात भी सामने आई है कि बिछिया ब्लाक में भी सिर्फ सिझौरा संकुल का डाटा भेजा जा रहा है जिसके चलते वहां के अध्यापकों के खाते में भी राशि जमा हुई है। जिलाध्यक्ष सिंगौर के अनुसार, जब मण्डला बीईओ से इस सम्बंध में जानकारी ली गई तो बताया गया कि अंशदान की राशि कोषालय से आहरित कर भोपाल भेजी जाती है लेकिन डाटा मेल नहीं किया जाता है। जाहिर है कि अध्यापकों के हितों की अनदेखी करने के साथ साथ जिम्मेदार अधिकारी मामले से पल्ला झाडऩे का प्रयास कर रहे हैं।
भिजवाई जानकारी
राज्य अध्यापक संघ की ब्लाक शाखा ने ब्लाक अध्यक्ष सुनील नामदेव और जिलाकार्यकारी अध्यक्ष प्रकाश सिंगौर की अगुवाई में मण्डला ब्लाक के सभी संकुलों से समन्वय स्थापित कर 13 मार्च को अप्रेल 17 से जनवरी 18 तक का डाटा बीईओ कार्यालय से मेल कराया गया है। जिससे राशि अध्यापकों के खाते में जमा हो सके। जिलाध्यक्ष सिंगौर ने यह भी बताया कि सहायक आयुक्त द्वारा भी दो बार पत्र संकुल प्राचार्यो और बीईओ को लिखा जा चुका है लेकिन इसके बावजूद प्राचार्यो और बीईओ द्वारा इसमें
ध्यान नहीं दिया गया है। राज्य अध्यापक संघ ने पूर्व में भी जिम्मेदार अधिकारियों की मीटिंग में यह बात उठाई थी कि अध्यापकों के अंशदान की कटौती जब तक कोषालय के माध्यम से नहीं होगी, तब तक राशि अध्यापकों के खाते में समय से जमा नहीं होगी। जिलाध्यक्ष सिंगौर का कहना है कि संघ ने एक बार फिर मामले को उठाते हुए मांग की है कि अंशदान की कटोती कोषालय के माध्यम से ही कराई जाए।
डीके सिंगौर, जिलाध्यक्ष, राज्य अध्यापक संघ ने बताया कि ट्रायवल कमिश्नर के पास अध्यापकों के अंशदान की 49 करोड़ रूपये की राशि जमा है लेकिन उनके पास डाटा नहीं हैं। यही कारण है कि राशि अध्यापकों के प्रान खाते में जमा नहीं हो रही है।