scriptदेखें वीडियो : दुर्लभ संयोग में मनाई जा रही महाशिवरात्रि, सोम-चंद्रमा बना रहे हैं शिवयोग | vidor story : Devotee doing worship of god shiva in mahashivratri parv | Patrika News

देखें वीडियो : दुर्लभ संयोग में मनाई जा रही महाशिवरात्रि, सोम-चंद्रमा बना रहे हैं शिवयोग

locationमंडलाPublished: Mar 04, 2019 02:29:11 pm

Submitted by:

shivmangal singh

सुबह से ही मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु, भगवान शिव को चढ़ा रहे दूध, धतूरा, आम का बौर, बेर आदिरद्धालु, भगवान शिव को चढ़ा रहे दूध, धतूरा, आम का बौर, बेर आदि

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मंडला. सोम और चंद्र के दुर्लभ संयोग के बीच महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है, सुबह से ही श्रद्धालुओं की मंदिरों लाइन लगी हुई है। महिलाएं, बच्चे, बजुर्ग सभी भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए उनकी पूजा-अर्चना और अभिषेक में जुटे हुए थे। महाशिवरात्रि के अवसर पर शहर के शिवालयों पर भोर से ही लोग जुट गए थे। सुबह की महाआरती के बाद मंदिरों के पट भक्तों के लिए खुल गए थे। भक्त भगवान शिव की महिमा, आरती, मंत्रों का उच्चारण कर रहे थे।

जानकारों का कहना है कि सोमवार के स्वामी चंद्र, बाबा सोमनाथ का दुर्लभ संयोग शिव योग महापर्व को खास बना रहा है। यही कारण है कि बाबा शिव की कृपा के साथ चंद्र देव की शीतलता भी बरसेगी। विविध पूजन अनुष्ठान के लिए मंदिरों में एक दिन पहले रविवार से ही तैयारियां तेज हो गई थीं। सूर्यकुंड निवासी पंडित राकेश शास्त्री ने बताया कि सोमवार को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को बाबा भोले को मनाने के लिए अलग-अलग तरीके से अभिषेक किए जाएंगे। पंडित विजयानंद शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में चन्द्रमा को सोम कहा गया है। भगवान शिव को सोमनाथ कहा जाता है।
सोमवार को शिवजी की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। महाशिवरात्रि पर सूर्य-चंद्रमा शिव योग बना रहे हैं। ये योग सोमवार को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से शुरू हो रहा है। यह कल्याणकारक एवं सफलतादायक योग होता है। इसमें भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल मिलता है।

हर मनोकामना होगी पूरी
सिद्धि व शुभ योग में बन रहे शिव योग में वेदाध्ययन, आध्यात्मिक चिन्तन और बौद्धिक कार्य करना भी शुभ माने जाते हैं। पूजन, जागरण और उपवास करने वाले मनुष्य का पुनर्जन्म नहीं होता। महाशिवरात्रि पर श्रवण और घनिष्ठा नक्षत्र होने से सिद्धि एवं शुभ नाम के योग बन रहे हैं। तिथि, वार और नक्षत्र मिलकर सर्वार्थसिद्धि योग भी बना रहे हैं। तीन शुभ योगों के कारण महाशिवरात्रि का पर्व और भी खास हो गया है। इन शुभ योगों में शिवजी की पूजा सफल हो जाती है। ज्योतिषाचार्य शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि की पूजा के मौके पर भक्त भगवान शिव की पूजा करते वक्त विशेष मंत्रों का जाप करते हैं। माना जाता है कि इन मंत्रों से मन की शुद्धि, अकाल से रक्षा, स्वास्थ्य और शांतिपूर्ण जीवन का वरदान मिलता है। सभी शक्तिशाली मंत्रों के पीछे भगवान शिव की शक्ति होती है। भगवान शिव को अमरत्व का देवता भी माना जाता है। भगवान शिव के इन मंत्रों में विशेष दैवीय शक्तियां होती हैं। साथ ही भगवान शिव के मंत्रों के जाप से मनुष्य का मन अध्यात्म की ओर जाता है और अलौकिक शांति की अनुभूति कराता है। यही कारण है कि नगर के रपटा घाट पर स्थित सभी शिवमंदिरों में विशेष अनुष्ठान की तैयारी रविवार से शुरु कर दी गई।
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