जानकारों का कहना है कि सोमवार के स्वामी चंद्र, बाबा सोमनाथ का दुर्लभ संयोग शिव योग महापर्व को खास बना रहा है। यही कारण है कि बाबा शिव की कृपा के साथ चंद्र देव की शीतलता भी बरसेगी। विविध पूजन अनुष्ठान के लिए मंदिरों में एक दिन पहले रविवार से ही तैयारियां तेज हो गई थीं। सूर्यकुंड निवासी पंडित राकेश शास्त्री ने बताया कि सोमवार को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को बाबा भोले को मनाने के लिए अलग-अलग तरीके से अभिषेक किए जाएंगे। पंडित विजयानंद शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में चन्द्रमा को सोम कहा गया है। भगवान शिव को सोमनाथ कहा जाता है।
सोमवार को शिवजी की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। महाशिवरात्रि पर सूर्य-चंद्रमा शिव योग बना रहे हैं। ये योग सोमवार को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से शुरू हो रहा है। यह कल्याणकारक एवं सफलतादायक योग होता है। इसमें भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल मिलता है।