खुलवाने लगे कार्यालय
जानकारी के अनुसार, ग्रामीण पावर हाउस में रात्रि कालीन ड्यूटी पर कर्मियो से कार्यालय खोलने की जिद करते रहे ताकि वहीं की बिजली में चैन की नींद सो सकें। लम्बे वाद विवाद के चलते ड्यूटि पर तैनात कर्मी अपने अधिकारियों को सूचना देने का प्रयास करते रहे लेकिन जब किसी अधिकारी ने फोन नहीं उठाया तो पुलिस का सहारा लेना पड़ा। बम्हनी थाने से एएसआई झारिया अपने साथियों के साथ पावर हाउस आकर ग्रामीणों को घर वापस जाने के लिए मनाते रहे। बड़ी मुश्किल से ग्रामीणों ने यह चेतावनी देते हुए घर जाने को तैयार हुए कि अब यदि रात में बिजली बंद हुई तो ट्रेक्टरों में सौ दो सौ लोग आकर विद्युत विभाग के कार्यालय में रात्रि विश्राम करेंगे।
रात 8 बजे बिजली बंद कर दी गई थी
बिंझिंंया ग्राम पंचायत में भी लोगों को शुक्रवार की रात गर्मी और मच्छर से परेशान होना पड़ा। रात 8 बजे बिजली बंद कर दी गई थी। जो रात में 2 बजे शुरू हुई। इस दौरान कर्मचारियों द्वारा फोन ना उठाने के कारण कटरा विद्युत से लोगों को जबाव भी नहीं मिल सका। टिकरिया सब स्टेशन के मझगांव फीडर भी हमेशा बन्द रहता है जिससे हजारो गांव के गरीब जनता दिन रात परेशान है। कभी दिन में एक या दो बार चालू करके विद्युत आपूर्ति फिर बन्द कर दी जाती है।
लाइन का काम चल रहा है
कन्ट्रोल रूम में पूछने पर ये बता दिया जाता है कि लाइन का काम चल रहा है। बिजली बन्द रहने से न तो खेत की सिंचाई हो पा रहा है और न ही रात में कीड़े मकोड़े से बच पा रहे हैं। कुछ दिन पूर्व गुजरसानी ग्राम पंचायत के ग्राम मडिय़ाटोला-गुजरसानी की एक महिला की रात में सांप काटने से मौत हो गई क्योंकि परिजन बिजली न होने के कारण समझ ही नहीं पाए कि उसे सर्प ने काट लिया है। जानकारी के अनुसार इस फीडर में मझगांव, परताला, बम्हनी, बरबसपुर, लालीपुर, भावल, बिजेगाव, हरेटिकुर, सल्हेपनी, डोभी, तरवानी, सजपानी, सहजनी, चिरेडोंगरी, मंगलगंज, हनिमत्ता, कंडरा आदि शमिल हैं जो अधिकांश समय अंधेरे में रहते हैं।