ये है परेशानी
उदयपुर से फूलसागर तक नेशनल हाइवे का पूरा काम अटका।
कुछ-कुछ जगहों में काम शुरू कर छोड़ दिया गया।
बीच-बीच में सड़क छोड़ दिए जाने से दुर्घटना की संभावना बढ़ रही है
दो बड़े शहर रायपुर व जबलपुर को जोड़ती, यह दो राज्यों के बीच की महत्वपूर्ण सड़क है।
थोड़ी सी बारिश में सड़क में कीचड़ मच जाता है जिससे घंटो जाम की स्थिति बनती है।
एक लेन का काम पूरा किए बिना ही दोनों साइड का शुरू किया काम गया है।
खराब वाहनों को निकालने के लिए क्रेन आने में घंटो लग जात हैं।
परेशानी से बचने के लिए कुछ वाहन चालक नियम विरूद्ध निवास से होते हुए जबलपुर मंडला का सफर कर रहे हैं जिससे निवास मार्ग में यातायात दबाव बढ़ रहा है।
धूल के गुब्बारे से सड़क किनारे बसे लोगों की सेहत पर पड़ रहा असर
कपड़े, बर्तन, खाद्य सामग्री बाहर नहीं सूखा पा रहे हैं।
सड़क पर पानी सिंचाई न होने से बढ़ती है परेशानी।
धूल के कारण स्थानीय लोग परेशान
हाइवे के किनारे बसे दर्जनो गांव के लाग धूल के गुबार से परेशान है। अधूरी पड़ी सड़क का निर्माण पूरा नहीं होने के कारण पूरे क्षेत्र में धूल का गुबार उड़ता रहता है। इससे स्थानीय ग्रामीणों का जीवन नारकीय हो चुका है। धूल-धूल हो चुके गांव में पिछले चार वर्षों में कई ग्रामीण सांस की बीमारियों से पीडि़त हो चुके हैं। जगह जगह से टूटी, उधड़ी, धूल, गिट्टी, मुरम से भरा हाइवे राहगीरों और वाहन चालकों के लिए हादसों का हाइवे बन चुका है। सोमवार को ग्वारी में पुलिस के पहुंचने पर ग्रामीणों ने अपनी मांग रखी। ग्रामीणों का कहना है कि तिंदनी से आमाटोला, ग्वारी से मंगलगंज, सहजनी से भावल, लालीपुर से नारायणगंज तक पूरी सड़क मुरम गिट्टी और धूल से भरी हुई है। इससे दर्जनों गांवों के हजारों लोग पीडि़त हो रहे हैं। पुलिस अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को शांत करते हुए वाहनों के आवागमन को दुरुस्त किया गया। ग्रामीणों ने यह कहकर वाहनों का रास्ता छोड़ा कि यदि शीघ्र ही मंडला-जबलपुर हाइवे का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया तो फिर से उग्र आंदोलन किया जाएगा। लगभग दो घंटे के बाद हाइवे पर यातायात पटरी पर लौटा।