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धूल से ढंक रहे मकान, मंडला-जबलपुर हाइवे पर ग्रामीणों ने किया चकाजाम

हाइवे की बदहाली से लोगों का जीना मुहाल

मंडलाMay 07, 2019 / 11:39 am

amaresh singh

धूल से ढंक रहे मकान, मंडला-जबलपुर हाइवे पर ग्रामीणों ने किया चकाजाम

मंडला/नारायणगंज। नेशनल हाइवे 30 की बदहाली ने एक बार फिर लोगों को सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया। शुक्रवार को एक बार फिर ग्वारी में ग्रामीणों ने हाइवे पर उतर कर जाम लगा दिया। ग्रामीणो का कहना था कि नेशनल हाईवे का काम मंदगति से चल रहा और धूल के फव्वारे उड़ रहे हैं। दुर्घटना, स्वास्थ्य व असुरक्षित यात्रा के कारण क्षेत्र की जनता में रोष पनप रहा है। सोमवार को करीब एक घंटा ग्रामीणों ने चकाजाम रखा। जाम की खबर लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाईश देकर यातायात व्यवस्था दुरुस्त की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि उड़ती धूल से नीजात दिलाने के लिए सड़क पर समय-समय में पानी डलवाया जाए। साथ ही अधूरी सड़क का काम जल्द पूरा किया जाए नहीं तो फिर से चक्काजाम किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार नेशनल हाइवे 30 मंडला से जबलपुर के बीच रहने वाले लोगों के लिए चार वर्षों से सिरदर्द बनी हुई है। राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण कार्य की प्रगति को लेकर आए दिन सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्वारी के साथ ही तिंदनी, कालपी, नारायणगंज के लोग निर्माण कार्य जल्द पूरा करने के लिए प्रदर्शन कर चुके हैं। उदयपुर से फूलसागर तक सड़क निर्माण की जिम्मेदारी डीडीसीएल कंपनी को दी गई थी। लगभग 50 किलोमीटर की सड़क का काम 2016 से अब तक नहीं हो पाया है। कुछ माह पूर्व निवास विधायक डॉ अशोक मर्सकोले ने भी मामले को संज्ञान में लेते हुए एनएच निर्माण कंपनी के एमडी डिविजनल अशोक शर्मा व कांट्रेक्टर से मुलाकात कर वर्क रिपोर्ट ली थी। निर्माण कम्पनी को शीघ्र काम पूरा कराने निर्देशित किया गया अन्यथा रिटेंडरिंग के लिए उच्चस्तरीय कार्यवाही कराने का अल्टीमेटम भी दिया गया। जिसके बाद ठेकेदार ने जून माह तक कार्य पूरा करने की बात कही थी। इसके बाद भी काम ने अब तक गति नहीं पकड़ी है। जनवरी माह में जिले के प्रभारी मंत्री तरुण भानोट ने भी ठेकेदार को भटकार लगाते हुए जल्द से जल्द हाइवे का काम पूरा करने की बात कही थी। जानकारी अनुसार उक्त निर्माण कंपनी का टेंडर जुलाई 2017 में ही आफ्टर एक्सटेंशन के बाद ही समाप्त हो चुका है। जिसके बाद दोबार टेंडर दिया गया।


ये है परेशानी
उदयपुर से फूलसागर तक नेशनल हाइवे का पूरा काम अटका।
कुछ-कुछ जगहों में काम शुरू कर छोड़ दिया गया।
बीच-बीच में सड़क छोड़ दिए जाने से दुर्घटना की संभावना बढ़ रही है
दो बड़े शहर रायपुर व जबलपुर को जोड़ती, यह दो राज्यों के बीच की महत्वपूर्ण सड़क है।
थोड़ी सी बारिश में सड़क में कीचड़ मच जाता है जिससे घंटो जाम की स्थिति बनती है।
एक लेन का काम पूरा किए बिना ही दोनों साइड का शुरू किया काम गया है।
खराब वाहनों को निकालने के लिए क्रेन आने में घंटो लग जात हैं।
परेशानी से बचने के लिए कुछ वाहन चालक नियम विरूद्ध निवास से होते हुए जबलपुर मंडला का सफर कर रहे हैं जिससे निवास मार्ग में यातायात दबाव बढ़ रहा है।
धूल के गुब्बारे से सड़क किनारे बसे लोगों की सेहत पर पड़ रहा असर
कपड़े, बर्तन, खाद्य सामग्री बाहर नहीं सूखा पा रहे हैं।
सड़क पर पानी सिंचाई न होने से बढ़ती है परेशानी।


धूल के कारण स्थानीय लोग परेशान
हाइवे के किनारे बसे दर्जनो गांव के लाग धूल के गुबार से परेशान है। अधूरी पड़ी सड़क का निर्माण पूरा नहीं होने के कारण पूरे क्षेत्र में धूल का गुबार उड़ता रहता है। इससे स्थानीय ग्रामीणों का जीवन नारकीय हो चुका है। धूल-धूल हो चुके गांव में पिछले चार वर्षों में कई ग्रामीण सांस की बीमारियों से पीडि़त हो चुके हैं। जगह जगह से टूटी, उधड़ी, धूल, गिट्टी, मुरम से भरा हाइवे राहगीरों और वाहन चालकों के लिए हादसों का हाइवे बन चुका है। सोमवार को ग्वारी में पुलिस के पहुंचने पर ग्रामीणों ने अपनी मांग रखी। ग्रामीणों का कहना है कि तिंदनी से आमाटोला, ग्वारी से मंगलगंज, सहजनी से भावल, लालीपुर से नारायणगंज तक पूरी सड़क मुरम गिट्टी और धूल से भरी हुई है। इससे दर्जनों गांवों के हजारों लोग पीडि़त हो रहे हैं। पुलिस अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को शांत करते हुए वाहनों के आवागमन को दुरुस्त किया गया। ग्रामीणों ने यह कहकर वाहनों का रास्ता छोड़ा कि यदि शीघ्र ही मंडला-जबलपुर हाइवे का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया तो फिर से उग्र आंदोलन किया जाएगा। लगभग दो घंटे के बाद हाइवे पर यातायात पटरी पर लौटा।

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