बिजली से दामिनी बचाएगी जान
मौसम विभाग द्वारा बिजली गिरने की पूर्व जानकारी देने के लिए कुछ विशेष एप तैयार कराए गए हैं जिसमें दामिनी एप भी शामिल है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के मौसम वैज्ञानी सुमित परोहा ने बताया कि दामिनी ऐसा एप है जिससे आकाशीय बिजली से जनहानि एवं पशुधन हानि के खतरे को कम किया जा सकता है। इस एप के माध्यम से बारिश अथवा खराब मौसम की जानकारी की जा सकती है।
जिस व्यक्ति के मोबाईल में यह एप डाउनलोड हैं यदि वह व्यक्ति किसी ऐसे स्थान पर है जहां बिजली गिरने की संभावना अधिक है। यदि वह व्यक्ति इस एप का उपयोग करता है तो उसकी स्थिति की जानकारी जीपीएस लोकेशन के माध्यम से एप में स्टोर हो जाती है इसी के साथ यदि उस व्यक्ति के आसपास के 20 से 40 किमी क्षेत्र में बिजली गिरने की संभावना है तो संबंधित व्यक्ति को इसका नोटिफिकेशन अर्थात मैसेज पहुंच जाता है।
बताया गया कि इस एप से मौसम विभाग की ओर से थंडरस्ट्रोम की तीव्रता एवं बादलों की गतिविधियों के आधार पर वज्रपात का पूर्वानुमान लगाया जाता है। वज्रपात से क्षति कम हो इसके लिए प्रभावी व्यवस्था को अपनाने के साथ ही अधिसूचित आपदाओं की पूर्व चेतावनी एवं अलर्ट को आम जनमानस तक समय से पहुंचाकर आपदा एवं उनसे होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है।
पब्लिक ऑब्जरवेशन
इसी तरह मौसम विभाग द्वारा पब्लिक ऑब्जरवेशन एप की भी सुविधा दी गई है। मौसम विज्ञानी सुमित परोहा ने बताया कि इस एप की मदद से लोग अपने क्षेत्र के मौसम की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यही नहीं इसी के साथ अपने क्षेत्र में मौसम संबंधित घटनाओं के संबंध में फीडबैक भी दिया जा सकता है।
ये एप भी है उपयोगी
इस वर्षाकाल में बड़ी संख्या में किसान, मजदूर खेतों में खुले में काम करते हैं। तेज बारिश के दौरान भी ये लगातार अपने खेतों में काम करते हैं। ऐसे किसानों की मदद के लिए मौसम विज्ञान विभाग ने दामिनी एप के साथ कुछ अन्य एप भी तैयार कराए हैं जिसमें दामिनी, मेघदूत, मौसम जैसे एप शामिल हैं। दामिनी ऐप से कहां, कब बिजली चमकेगी इसकी पूरी जानकारी ले सकते हैं। इसी तरह मेघदूत एप से किसानों को मौसम संबंधी जानकारी मिलती है। इस एप का प्रयोग करके किसान फसलों की कटाई और बुआई मौसम को ध्यान में रखकर कर सकते हैं। इसी तरह मौसम एप से भी क्षेत्र से संबंधित मौसम की रिपोर्ट हासिल की जा सकेगी।
वर्षाकाल में आकाशीय बिजली गिरने की कई घटनाएं होती है। मौसम, दामिनी, मेघदूत जैसे एप की मदद से जहां इस तरह की घटनाओं की पूर्व से जानकारी मिल सकती है वहीं आकाशीय बिजली से होने वाली हानि को कम किया जा सकता है।
सुमित परोहा, मौसम वैज्ञानिक।