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भूख हड़ताल के लिए तैयार वनकर्मी

locationमंडलाPublished: May 30, 2018 07:04:16 pm

Submitted by:

shivmangal singh

हड़ताल के कारण सूख रहे पौधे

Wildlife welfare worker

भूख हड़ताल के लिए तैयार वनकर्मी

मंडला. वन कर्मचारी संघ जिला शाखा मंडला एवं स्टेट फारेस्ट रेंज आफिसर्स शोसिएशन संघ ने आज से भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। इसके साथ ही 3 जून को आयोजित होने वाले असंगठित श्रमिको एवं तेंदुपत्ता संग्राहकों का सम्मेलन कार्यक्रम का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया। संघर्ष समिति के अध्यक्ष राघवेंद्र गौतम रेंजर की अध्यक्षता में संघर्ष समिति की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री के आगमन और कार्यक्रम का बहिष्कार का निर्णय लिया गया। बताया गया कि तेंदुपत्ता प्रबंधकों फड़मुंशीयो ने बोनस वितरण, चरणपादुका, पानी की बॉटल वितरण में सहयोग नहीं करेंगे और संग्राहकों को नही लाएंगे। बैठक में सीता जामरा रेंज आफिसर सिझोरा, दिनेश डहारे, कमलेश साल्वी, ज्ञान सिंह पंवार, शिव कुमार ककोडिया, विभाष बिल्लोरे, शोभना वर्मा, रामेश्वर उइके, बालसिंह ठाकुर, जुगलकिशोर पाण्डे, प्रीतेश पाण्डे, अवधेश झारिया, किरण वरकड़े आदि उपस्थित रहे। वहीं वन कर्मचारियों के आंदोलन को गति देते हुए आज से भूखहड़ताल का निर्णय लिया गया है। जिसमें प्रतिदिन ६ कर्मचारी क्रमिक भूखहड़ताल करेंगे। गौरतलब है कि वनकर्मचारी अपनी १९ सूत्रीय मांगो को लेकर हडताल कर रहे हैं। एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी शासन की और से संतोष जनक आश्वासन नहीं मिला है। वनकर्मियों की हड़ताल से तेंदूपत्ता संग्रहण के लक्ष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। वनकर्मियों की बेमियादी हड़ताल से जिले में जारी तेंदूपत्ता संग्रहण कार्यठप सा पड़ गया है। ऐसे में 15 जून तक लक्ष्य पूरा करना संभव नहीं लगता। वनकर्मियों की हड़ताल से तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे मजदूर भी परेशान हैं। भुगतान न होने से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
मौसम की प्रतिकूलता के चलते तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू से ही प्रभावित था। पर्याप्त तेंदूपत्ता तैयार न होने से इसकी तोड़ाई का कार्य सही तरीके से शुरू भी नही हो पाया था कि वन कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी। तेंदूपत्ता तोड़कर श्रमिक उन्हें संबंधित फड़ में लेकर आते हैं। श्रमिकों को प्रति सैकड़ा (एक हजार गड्डी) पर 200 रुपए मेहनताना दिया जाता है।
तेंदूपत्ता को सूखने में गड्डी तैयार होने के बाद उसे सूखने में करीब सात से आठ दिन लग जाते हैं। तेंदूपत्ता को तोडऩे के बाद गड्यिां तैयार की जाती है। किंतु इधर वनकर्मियों की हड़ताल से भुगतान सहित अन्य कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
मप्र वन कर्मचारी संघ लंबे समय से राजस्व व पुलिस के समान वेतनमान सहित 19 सूत्रीय मांगें उठा चुका है। इसके लिए मौखिक, लिखित, धरना-प्रदर्शन कर शासन को चेताया, लेकिन आश्वासन ही हाथ लगा। इधर हड़ताल से जानवरों की सुरक्षा दांव पर है है। वनकर्मियों की हड़ताल से वानिकी तैयारी का काम भी प्रभावित हो रहा है। पूर्व सामान्य वन मंडल मंडला के परिक्षेत्र जगमंडल के अंतर्गत मधुपुरी रोपणी में पौधे तैयारी का कार्य चल रहा था किन्तु हड़ताल के चलते पॉलीथिन खाली पड़ी हैं और पौधे सुख रहे हैं। पौधों के सूखने से हरियाली महोत्सव में पौधा रोपण करने के लिए पौधे उपलब्ध नही हो पाएंगे।
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