मंडलाPublished: Oct 20, 2021 10:04:26 pm
Mangal Singh Thakur
पत्रिका के खुलासे के बाद शिक्षकों की पदस्थापना में पारदर्शिता की तैयारी
Will ask teachers in which school should be posted
मंडला. आदिवासी बहुल्य जिले में सैकड़ों ऐसे शासकीय स्कूल हैं जो शिक्षकविहीन हैं। बिना शिक्षक के उस स्कूल में भर्ती बच्चों की पढ़ाई किस स्तर पर होगी? इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। इसके बावजूद जिले में ऐसे स्कूलों की कमी नहीं, जहां शिक्षकों की संख्या अतिरिक्त में है। नगरीय इलाकों और इनके आसपास के सभी शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना उनके निर्धारित संख्या से अधिक है। इसके बावजूद उन्हें शिक्षकविहीन स्कूलों में नहीं भेजा जा रहा है। इसके उलट उन शिक्षकों की पदस्थापना पर भी लंबे समय तक रोक लगाकर रखी गई जो अन्य जिलों से यहां स्थानांतरित होकर आए। जिले के हजारों विद्यार्थियों के भविष्य से जुड़े इस मुद्दे को पत्रिका ने अपने अंकों में प्रमुखता से प्रकाशित किया। नतीजा यह हुआ कि अब जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त कार्यालय से यह व्यवस्था बनाई जा रही है कि अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। पारदर्शिता को हर स्तर पर बनाए रखा जाएगा और अब जो भी शिक्षक किसी स्कूल में पदस्थापित होगा, उस पदस्थापना को पारदर्शिता के मापदंड पर खरा उतरना होगा।
गौरतलब है कि कोरोना संकट में कमी आने के बाद आखिरकार प्रदेश शासन ने 18 महीनों बाद वर्ष 2021 के जुलाई माह में शासकीय स्कूलों के पुन: संचालन की अनुमति जारी की। वर्ष 2020 के मार्च माह से स्कूलों के संचालन पर रोक लगा दी गई थी। उससमय कोरोना संक्रमण अपनी चरम अवस्था में पहुंचने की श्रृंखला में था। कोरोना संक्रमण की चेन को तोडऩे के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत जरूरी था। इसके बिना संक्रमण पर लगाम कसना मुश्किल होता, यही कारण है कि देश भर की शैक्षणिक संस्थाओं को बंद कर दिया गया। इस वर्ष जुलाई माह से सितंबर माह के बीच चरणबद्ध तरीके से पहले हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल खोले गए, फिर माध्यमिक विद्यालय और सबसे अंत में प्राथमिक विद्यालयों का संचालन शुरू किया गया।
दिया गया था प्रभारी मंत्री का तर्क
नए शैक्षणिक सत्र में जिले में अन्य जिलों से 205 शिक्षक स्थानांतरित होकर अलग अलग संस्थाओं में पदस्थापना के लिए भेजे गए लेकिन उन सभी शिक्षकों को विद्यालयों में लंबे समय तक पदस्थापित नहीं किया गया। उस समय जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त विजय तेकाम ने तर्क दिया था कि जिले के प्रभारी मंत्री पहले शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना करना चाहते हैं इसलिए उन स्कूलों की सूची बनाई जा रही है इसके बाद ही स्थानांतरित होकर आए शिक्षकों की पदस्थापना होगी। दूसरी ओर मंडला जिले से 140 शिक्षकों का अन्य जिलों में स्थानांतरण कर दिया गया। इन सबके बावजूद 218 अतिशेष शिक्षक जिले के अलग अलग स्कूलों में बने रहे, जिन्हें अभी तक हटाया नहीं गया। इसकारण जिले के उन दर्जनों विद्यालयों में अब तक अध्यापन कार्य शुरू नहीं हो सका है जो विद्यालय शिक्षकविहीन हैं।
पहले समायोजन, फिर काउंसलिंग
जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त विजय तेकाम ने बताया कि अतिशेष शिक्षक और शिक्षकविहीन स्कूलों का समायोजन शुरू किया जा रहा है। इसके बाद विभाग द्वारा शिक्षकों की काउंसलिंग का आयोजन किया जाएगा। काउंसलिंग के दौरान अतिशेष शिक्षकों के समक्ष कुछ शिक्षकविहीन विद्यालयों के विकल्प रखे जाएंगे, जिनमें से किसी एक के लिए शिक्षक द्वारा हामी भरी जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए की जाएगी। काउंसलिंग के बाद ही शिक्षक की पदस्थापना विद्यालय में की जाएगी।
फैक्ट फाइल:
जिले में स्थानांतरित होकर आए शिक्षक 205
जिले में अतिशेष शिक्षक 218
जिले से स्थानांतरित होकर गए शिक्षक 140
जिले में शिक्षकविहीन स्कूल 220