scriptनिर्जला व्रत रखकर करेंगी पति की पूजा | Will worship her husband by keeping a fast | Patrika News

निर्जला व्रत रखकर करेंगी पति की पूजा

locationमंडलाPublished: Oct 17, 2019 11:44:32 am

Submitted by:

Sawan Singh Thakur

बाजार में जमकर हुई खरीददारी

निर्जला व्रत रखकर करेंगी पति की पूजा

निर्जला व्रत रखकर करेंगी पति की पूजा

मंडला। आज सुहागिनें जहां अपने सुहाग की सलामती के लिए निर्जला व्रत रखेंगी तो दूसरी ओर युवतियां अपने मनपसंद वर की प्राप्ति के लिए चंद्रदेव से प्रार्थना करेंगी और चांद देखकर ही सुहागिने और युवतियां अपना व्रत तोड़ेंगी। करवा चौथ व्रत के एक दिन पूर्व बुधवार को बाजार में महिलाओं ने जमकर खरीददारी की। रंगीन आकृतियों से सजाए गए करवा की कीमत २५ रुपए से ३४० रुपए तक रही। इस बार करवा चौथ 17 अक्टूबर को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को कृत्तिका नक्षत्र में शुरू होकर रोहिणी नक्षत्र में समाप्त होगा।
इस दिन चंद्रोदय रात्रि में लगभग 8:१८ पर होगा, जिसका मान अलग-अलग स्थानों पर भिन्न हो सकता है। पंडित लक्ष्मीकांत द्विवेदी ने बताया कि मान्यता है कि 27 नक्षत्र चंद्रमा की 27 पत्नियां हैं, जिसमें से रोहिणी उन्हें विशेष प्रिय है जिस पर चंद्रदेव अपना सारा प्यार और स्नेह उड़ेल देना चाहते हैं। इसीलिए रोहिणी नक्षत्र में पत्नी द्वारा पूजा और चंद्रदर्शन पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य और संपन्नता के लिए विशेष फलदायी होता है। इस बार मंगल भी चंद्रमा के अन्य नक्षत्र हस्त में स्थित है जिसके कारण चंद्रदेव मंगल की अजेय शक्ति भी अपने साथ लिए हुए हैं।
पंडित विजयानंद शास्त्री के अनुसार दिए की रौशनी में चांद छन्नी से देखा जाना शुभ माना जाता है। करवा चौथ विशेष रूप से पंजाबी समुदाय का पर्व है। लेकिन आज कल अधिकांश समुदाय इस पर्व में शामिल हो रहे हैं। सुबह स्नान कर अपने पति की लंबी आयु, बेहतर स्वास्थ्य व अखंड सौभाग्य के लिए संकल्प लें। बिना कुछ खाए-पिए रहें। शाम को पूजन स्थान पर एक साफ लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिकेय व भगवान श्रीगणेश की स्थापना करें। पूजन स्थान पर मिट्टी का करवा भी रखें। इस करवे में थोड़ा धान व एक रुपए का सिक्का रखें। इसके ऊपर लाल कपड़ा रखें। इसके बाद सभी देवताओं का पूजन कर लड्डुओं का भोग लगाएं। भगवान श्रीगणेश की आरती करें। जब चंद्रमा उदय हो जाए तो चंद्रमा का पूजन कर अर्घ दें। इसके बाद अपने पति के चरण छुएं व उनके मस्तक पर तिलक लगाएं। पति की माता अर्थात अपनी सास को अपना करवा भेंट कर आशीर्वाद लें। यदि सास न हों तो परिवार की किसी अन्य सुहागिन महिला को करवा भेंट करें। व्रत के नियमों के अनुसार, इन करवों में मिठाइयां, पकवान आदि रखकर चंद्रदेव को अर्पण किया जाएगा।
ये है करवा चौथ पूजा और चंद्रर्शन का समय पूजा का मुहूर्त
शाम 5:50 से 7:06 सुबह
व्रत समय सुबह 6:21 से रात 8:18 बजे तक
उपवास का समय 13 घंटे, 56 मिनट है।
चांद निकलने का समय रात 8:18 बजे

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