महानगरों की ओर मजदूरों का रुख
दूर हो रहा कोरोना का भय फिर पलायन शुरू, 50 मजदूरों को श्रमविभाग ने दी बाहर जाने की अनुमति

मंडला. कोरोना का खतरा भले ही ना टला हो लेकिन मजदूरों का रूख महानगरों की ओर शुरू हो गया है। गांव में पर्याप्त काम ना मिलने से खाली बैठे मजदूरों को महानगरों के ठेकेदार बुलावा भेजना शुरू कर दिए हैं। बसें बंद होने के बाद भी महानगर ले जाने मजदूरों के लिए ठेकदारों द्वारा परिवहन की व्यवस्था की जा रही है। प्रवासी मजदूरों को गांव में ही रोजगार से जोडऩे के लिए शासन विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है। निशुल्क राशन दिया जा रहा है, योजना के तहत स्वरोजगार के लिए 10 हजार की राशि भी दी जा रही है। मनरेगा में काम का भरोसा भी दिलाया जा रहा है। कृषि विज्ञान केन्द्र, उद्यानकी विभाग द्वारा उद्यानकी खेती से घर बैठे लाभ कामने की योजनाएं बताई जा रही है। लेकिन जमीनी स्तर पर मजदूरों को राशन के अलावा अन्य लाभ नाम मात्र का ही मिल रहा है। यही कारण है कि कोरोना संक्रमण काल में भी मजदूर अपने परिवार के कुछ सदस्यों को घर में छोड़कर महानगर जाने के लिए तैयार हैं।
मजदूरों को ले जाने श्रम विभाग से जारी किया लायसेंस
हाल ही में एक बस में 50 मजदूर घुघरी से केरल के लिए ले जाए जा रहे थे। जिसकी सूचना श्रम विभाग की टीम को मिली। मौके पर पहुंची टीम ने एजेंटो से विस्तार से पूछतांछ की जिसमें पाया गया कि मजदूरों को श्रम विभाग के बिना पंजीयन के ही मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा है। जिसके बाद एजेंटो को निर्धारित शुल्क जमा कराते हुए मजदूरों को ले जाने के लिए लायसेंस जारी किया गया। 50 मजदूरों के लिए लायसेंस दिया गया है। जिसमें लाने ले जाने की व्यवस्था के साथ निर्धारित मेहनताना और मजूदरों के रहने खाने की व्यवस्था, चिकित्सा सुविधा, सुरक्षा, कपड़े सहित अन्य नियम सर्तों से अवगत कराया गया। मजूदरों के बीच से घुघरी सलवाह निवासी सुरेन्द्र कुमार धुर्वे के नाम लायसेंस जारी किया गया है। वहीं केरल से ठकेदार के एजेंट जय कुमार के नाम लायासेंस जारी किया गया है। जिन्हें मजदूरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। केरल पहुंचकर वहां के श्रम विभाग को भी मजदूर के पहुंचने की जानकारी देनी होगी।
अंजनियां पुलिस ने कराया वापस
आठ अगस्त को बिछिया विकासखंड के रतनपुर ग्राम से कुछ युवतियां किसी फेक्ट्री में काम के लिए गुजरात के लिए निकली थी। जिसे अंजनियां पुलिस ने रास्ते में रोककर जानकारी ली। तो पता चला कि युवतियों व युवकों को ग्राम पंचायत व श्रमविभाग में सूचना दिए बिना ही बाहर ले जाया जा रहा था। पूछताछ में आठ युवतियों द्वारा काम करने हेतु धागा फैक्ट्री में राजकोट गुजरात जाना बताया। उक्त संबंध में कंपनी से आए एजेंट राहुल पटेल से जानकारी लेने पर उसने बताया कि उक्त मजदूर युवतियां पूर्व में भी राजकोट स्थित उसी धागा फैक्ट्री में काम करते थे। लॉकडाउन के बाद कंपनी फिर प्रारंभ हो गई है। युवतियों को उनके परिवारजनों की अनुमति के बाद उनकी मर्जी से ले जाया जा रहा है। फिर भी अंजनिया पुलिस द्वारा ग्राम रतनपुर जाकर युवतियों को उनके माता-पिता के सुपुर्द किया। व हिदायत दी गई की वर्तमान में कोरोना काल के चलते बिना तसदीक के काम करने बाहर ना जाये। तथा एजेंट को भी हिदायत दी कि क्षेत्र से कोई भी मजदूर काम में ले जाते समय संबंधित थाने व ग्राम पंचायत में सूचना देवे। उक्त धागा फैक्ट्री की संपूर्ण तस्दीक के बाद एजेंट को रुखसत किया गया। वाहन पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी।
इनका कहना है
घुघरी से मजूदर ले जाने की सूचना मिली थी। जिसके बाद विधिवत कार्रवाई करते हुए 50 मजदूरों को राज्य से बाहर ले जाने की अनुमति दी गई है। मजदूरों को किसी प्रकार की समस्या ना हो और सभी सुविधाएं दी जाए इसके लिए निर्देशित किया गया है।
जितेन्द्र मेश्राम, श्रम अधिकारी, मंडला
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