शहर से 10 किमी दूर दफ्तर, मनमानी जोरों पर
पहले शहर शहर के बीच में स्थित था। अब आरटीओ स्टेट हाईवे के बायपास पर शहर से करीब १० किमी की दूरी पर बना है। ऐसे में वहां मनमानी और दलाली का यह खेल चरम पर चल रहा है। दलालो का यह खेल दूर बनचुके दफ्तर के कारण और अधिक पैर-पसारने लगा है। दूरी के साथ ही वहां पहुंचने के लिए आवागमन के साधन भी नहीं है। ऐसे में आरटीओ में मनमानी और दलाली का यह काम मनमाफिक चल रहा है।
बाबू और दलाल में हुआ था विवाद
जानकारी के अनुसार मंगलवार को दोपहर में आरटीओ में बाबू अशोक शर्मा और एक दलाल के बीच किसी बात पर विवाद की स्थिति बन गई। इसी के चलते हंगामा खड़ा हो गया। मामने ने तूल पकड़ा तो आरटीओ ने सभी दलालों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए गेट बंद कर लिए। पूर्व में यहां दलालो का प्रवेश वर्जित किया गया था। और इसके पेम्पलेट भी लगाए थे, लेकिन वह सिर्फ दिखावे के थे। आरटीओ ने खुद कहा कि एजेंट के यहां चक्कर काटने और घुमने के चलते यह कही पर भी हस्तक्षेप करते है। इसके लिए आम लोगों के काम प्रभावित होते है और विवाद की स्थितियां बनती है। इसलिए सभी को बाहर किया।
१० दिन पहले भी हो चुका विवाद
१० दिन पहले भी २४ अगस्त को आरटीओ कार्यालय में दलाल के और काम करने वाले व्यक्ति के बीच काम डेढ़ माह बाद भी नहीं होने और चक्कर देने की बात पर को लेकर विवाद हो गया था। विवाद के कारण हंगामा खड़ा हो गया था। इसके चलते भी दलाल को आरटीओ कार्यालय में तैनात सुरक्षाकर्मी ने हाथ पकड़कर कार्यालय से तो ठीक परिसर से बाहर कर दिया था।
१० दिन पहले भी २४ अगस्त को आरटीओ कार्यालय में दलाल के और काम करने वाले व्यक्ति के बीच काम डेढ़ माह बाद भी नहीं होने और चक्कर देने की बात पर को लेकर विवाद हो गया था। विवाद के कारण हंगामा खड़ा हो गया था। इसके चलते भी दलाल को आरटीओ कार्यालय में तैनात सुरक्षाकर्मी ने हाथ पकड़कर कार्यालय से तो ठीक परिसर से बाहर कर दिया था।
एजेंटो को किया बाहर
एजेटो को बाहर किया था। दरवाजा लगाया और सभी को काउंटर से ही आने के लिए निर्देशित किया है। व्यवस्था बनाए रखने के लिए बाहर किया गया है। सभी को काउंटर से ही आना होगा। -ज्ञानेंद्र वैश्य, आरटीओ