script10 दिन काम करने के लिए 22 लाख जमा कराए फिर भी नहीं दी रेलवे ने काम के लिए एनओसी | 22 lakhs were deposited for 10 days of work, yet the railway did not g | Patrika News
मंदसौर

10 दिन काम करने के लिए 22 लाख जमा कराए फिर भी नहीं दी रेलवे ने काम के लिए एनओसी

10 दिन काम करने के लिए 22 लाख जमा कराए फिर भी नहीं दी रेलवे ने काम के लिए एनओसी

मंदसौरOct 11, 2019 / 11:45 am

Nilesh Trivedi

10 दिन काम करने के लिए 22 लाख जमा कराए फिर भी नहीं दी रेलवे ने काम के लिए एनओसी

10 दिन काम करने के लिए 22 लाख जमा कराए फिर भी नहीं दी रेलवे ने काम के लिए एनओसी

मंदसौर.
53 करोड़ में चंबल का पानी मंदसौर लाने की योजना में अभी भी एक साल का समय लगेगा। पहले से ही काम में देरी हो गई और अभी कई ऐसे अवरोध है, जिनका हल नपा के पास नहीं है और उन्हें शासन से निर्णय का इंतजार है। लंबे समय से अटकी पड़ी चंबल योजना को नपा ठेकेदार पर सख्ती कर पूरा भी नहीं करवा पा रही है। दिसंबर २०१६ में काम शुरु हुआ था, जो जून-२०१८ में पूरा होना था। लेकिन काम पूरा नहीं हुआ तो परिषद में मामला आया और ६ माह की अवधि परिषद ने बढ़ाई। इस हिसाब से दिसंबर-२०१८ में इसका काम पूरा होना था, लेकिन एक साल का समय पूरा होने वाला है, पर काम अब तक अधूरा पड़ा है। रेलवे क्रॉसिंग पर अनुमति तो एमपीआरडीसी से लेकर लेाक निर्माण विभाग की क्रांसिंग की अनुमति के बाद अब बिजली लाईन का मामला ऐसा उलझा कि उसका हल अब तक नहीं निकला। वहीं नदी से ५०० मीटर की दूरी पर इंटकवेल बनाया गया। जिसे तकनीकि रुप से गलत ठहराया गया, लेकिन कार्रवाई के बजाए इसका रास्ता ढूंढते हुए यहां पोर्ट डालना तय हुआ, लेकिन पोर्ट का काम पूरा होने से पहले ही चंबल में इतना पानी आ गया कि अब पानी कम होने के लिए कुछ माह का इंतजार करना पड़ेगा।
चंबल के पानी के लिए बढ़ता जा रहा इंतजार
लंबे समय से शहर की जनता चंबल के पानी का इंतजार कर रही है। डेढ़ लाख की आबादी वाले शहर की प्यास बुझाने के लिए बनी योजना में हो रही लेटलतीफी के बाद भी ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और काम जल्द पूरा कराने के लिए भी कोई सख्ती नहीं दिखा रहा है। इसका खामियाजा हर दिन जलसंकट के रुप में कॉलोनियों से लेकर मोहल्लों में नगरवासी भुगत रहे है। चंबल का पानी मंदसौर आने से पहले ही सोमली, तुम्बड़ से लेकर गिड और चंबल कोल्वी की पुलिया पर पिलर के सहारे डाले गए पाईप बाढ़ में बह गए तो पूरी लाईन क्षतिग्रस्त हो गई। ऐसे में बचे हुए काम के साथ अब फिर से जहां लाईन बही उसे दुरुस्त करना होगा। ऐसे में इस पूरे काम में अभी सालभर का समय और लगेगा।
१० दिन काम करने के जमा कराएं २२ लाख फिर भी नहीं मिली एनओसी
नगर पालिका ने रेलवे क्रॉसिंग पर लाईन डालने के लिए रेलवे से अनुमति मांगी। इसके लिए २२ लाख जमा कराए। १० दिन में रेलवे की जमीन से पाईप लाईन डालने का काम करने की अनुमति के लिए रेलवे ने नपा से २२ लाख रुपए जमा कराए। दो लाख २० हजार प्रतिदिन के हिसाब से नपा ने राशि दी। फिर भी अब तक काम करने के लिए एनओसी जारी नहीं की। जानकारी के अनुसार अनुमति के लिए राशि जमा कराने के अलावा रेलवे लाईन के एवज में नपा से सालाना किराया भी लेगी। इसके अलावा डिगांव में एमपीआरडीसी के रोड से लाईन निकालने का मामला भी उलझा हुआ है।
बिजली लाईन बनी पेचिंदा तो लाईन भी बही
चंबल योजना में बिजली लाईन ४ किमी तक डालना थी, लेकिन बाद में इसे २२ किमी तक किया गया। ऐसे में लागत भी १ करोड़ बढ़ रही है। तो ठेकेदार ने २२ किमी की लाईन डालने से इंकार किया। इस पर नपा ने २२ किमी की लाईन डालने की मंजूरी के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है, लेकिन वहां से अनुमति नहीं मिली है। शासन से मंजूरी मिलने के बाद इस काम में अतिरिक्त राशि नपा वहन करेंगी। चंबल योजना में सबसे बड़ा काम भी बिजली लाईन का अटका हुआ है। वहीं अब तक बारिश के चलते चार पुलियाओं के यहां पाईप लाईन बह गई तो पिल्लर भी बह गए। ऐसे में फिर से लाईन खड़ी करना पड़ेगी। तो वहीं इंटकवेल पर पोर्ट का काम भी पूरा नहीं हुआ।
पानी कम होने के बाद शुरु होगा काम
वर्तमान में पानी अत्यधिक है। पानी कम होने पर ही पोर्ट डालने का बचा हुआ काम हो सकता है। बिजली लाईन का मामला शासन को भेज रखा है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद काम हो सकेगा। बारिश में जो पाईप लाईन बही है। उसे फिर से डालने का काम ठेकेदार को करना है। -सविताप्रधान, सीएमओ

Home / Mandsaur / 10 दिन काम करने के लिए 22 लाख जमा कराए फिर भी नहीं दी रेलवे ने काम के लिए एनओसी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो