450 मैट्रिक टन हर दिन उठ रहा यूरिया खाद, कही पावती तो कही खुद कतार में खड़ा किसान
मंदसौरPublished: Nov 22, 2022 10:33:34 am
450 मैट्रिक टन हर दिन उठ रहा यूरिया खाद, कही पावती तो कही खुद कतार में खड़ा किसान


450 मैट्रिक टन हर दिन उठ रहा यूरिया खाद, कही पावती तो कही खुद कतार में खड़ा किसान
मंदसौर.
रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं में यूरिया की मांग बढऩे के साथ खाद को लेकर जिले का अन्नदाता खाद वितरण केंद्रों पर कतारों में लग गया है। हर दिन सुबह के साथ शाम होने तक किसान जिलेभर में खाद वितरण केंद्रों पर यूरिया के लिए जद्दोजहद करता हुआ दिखाई दे रहा है। हालांकि विभाग अब भी पर्याप्त खाद का दावा कर रहा है। लेकिन मांग अधिक होने के कारण कतारें लगने की बात स्वीकार कर रहा है। १५ हजार हेक्टेयर गेहूं की बोवनी जिले में हुई तो यूरिया की मांग बढ़ी। वर्तमान में हर दिन ४५० मैट्रिक टन खाद हर दिन जिले में केंद्रों पर यूरिया किसान उठा रहे है। लेकिन मांग अब भी बनी हुई है। गरोठ, नीमच में रैक लगने के साथ रतलाम से भी अधिक यूरिया मिलने की बात विभाग कर रहा है। लेकिन प्रशासन के तमाम दावों के बाद भी यूरिया के लिए किसान लंबी कतारों में परेशान हो रहा है। कही खुद किसान तो कही किसान ने अपने खेतों की पावती को यूरिया के लिए कतार में लगा रखा है।
शहर से लेकर गांव हर जगह एक सी स्थिति
जिले में मंदसौर शहर में महाराणा प्रताप बस स्टैंड के समीप हो या मंडी क्षेत्र के खाद वितरण केंद्र। यहां एक सी स्थिति है। शहर से लेकर जिले के अंतिम गांव में बने खाद केंद्रों पर एक सी स्थिति है। सुबह होने के साथ किसान यूरिया खाद के लिए कतारों में लग रहा है तो शाम होने तक यही स्थिति बनी रहती है। हालांकि विभाग का दावा है कि अब भी जिले में २३६८ मैट्रिक टन यूरिया भंडारित है, लेकिन १५ हजार हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी होने के साथ यूरिया की मांग बढ़ गई। इसलिए केंद्रों पर किसानों की यूरिया के लिए अधिक भीड़ लग रही है। वर्तमान में ४५० मैट्रिक टन खाद की हर दिन खपत हो रही है। वहीं यूरिया के लिए बनी स्थिति के कारण जरुरत के समय नहीं मिलने के भय से किसान खाद लेकर स्टॉक करने में भी लगा हुआ है। इधर १५३ सहकारी समिति के केंद्रों के साथ ही ९ केंद्र ऐसे भी बनाए गए है जो सहकारी समिति के साथ जोडक़र बनाए है तो ३० निजी क्षेत्र के लोगों को भी यूरिया उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में किसानों को कही पर भी यूरिया आसानी से मिल सके यह कोशिश की जा रही है, लेकिन विभाग के इन दावों के बाद भी जिले में किसान खाद के लिए परेशान हो रहा है।
२३६८ मैट्रिक टन यूरिया भंडारित
जिले में १५ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में रबी सीजन की मुख्य गेहूं की सीजन की बोवनी है। करीब ९० प्रतिशत बोवनी हो चुकी है। गेहूं में पहली व दूसरी सिंचाई के दौरान किसान यूरिया देता है। इसी कारण तेजी से मांग बढ़ी है। वर्तमान में करीब ४५० मैट्रिक टन यूरिया हर दिन उठ रहा है। फिर भी २३६८ मैट्रिक टन यूरिया भंडारित है। रतलाम से भी अब अधिक यूरिया जिले को मिलेगा तो गरोठ में रैक लगेगी तो वहीं नीमच में भी तीन दिनों में रैक पांईट लगने वाला है। -डॉ एके बड़ोनिया, उपसंचालक, कृषि
पुलिस के साए में बट रहा यूरिया खाद
फोटो एमएन २२२६
शामगढ़.
तहसील व नगर के साथ कई ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में यूरिया खाद के लिए किसानों की भीड़ पहुंच रही है। किसानों की भीड़ और यूरिया की स्थिति को देखते हुए अब पुलिस फोर्स तैनात किया जा रहा है। यूरिया की स्थिति तो ऐसा हो गई कि पुलिस के साए में युरिया वितरण किया जा रहा है। गरोठ रोड स्थित शांतिकुंज पर शासकीय वेयरहाउस में 200 से 300 किसान प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। प्रशासन द्वारा सिर्फ पानी की व्यवस्था एवं विकल्पों की व्यवस्था की गई है। सुबह 6 बजे से किसान लाइनों में लगे हैं एवं उनका नंबर 3.30 बजे तक आया लेकिन उन किसानों को लंबी-लंबी लाइन में लगना भी मजबुरी हो गया है। दिलीप कुमार निवासी रणायरा का खेड़ा ने बताया है कि सुबह से लाइन में लगे हैं लेकिन पावती के आधार पर दो ही कट्टे दिए जा रहे हैं। इसके कारण परेशानी आ रही है। दोपहर तक भूखे प्यासे लाइन में खड़े थे। किसान परसराम परासली घाटा ने बताया कि सुबह से लाइन में खड़े हैं एवं कई बार धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ रहा है।