मिट्टी की प्रतिमा के साथ विराजेंगे गणपति
इस बार गणेशोत्सव में आस्था और भक्ति के साथ पर्यावरण का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इसके चलते अनेक जगहों पर मिट्टी से बनी प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। हालांकि पीओपी की प्रतिमाएं भी बाजार में खूब बिकने के लिए आई है। लेकिन अनेक घरों से लेकर पांडालों में मिट्टी के गणपति की स्थापना होगा। रविवार को शहर के स्टेशन रोड क्षेत्र में निजी संस्था द्वारा मिट्टी के गणपति बनाने के लिए विशेष स्टॉल लगाया गया। यहां कई युवतियों व बालिकाओं के साथ शहरवासी पहुंचे और मिट्टी के गणपति बनाते हुए अपने घरों में स्थापना के लिए लेकर गए। तो कई अन्य जगहों पर माटी के गणपति बनाए गए।
धार्मिक आयोजन समिति करेगी 31 गणेश प्रतिमाएं वितरित
जिला धार्मिक आयोजन समिति द्वारा 31 गणेश प्रतिमाओं का वितरण किया जाएगा। प्रतिमाओं का वितरण रेलवे स्टेशन रोड़ पर सुबह प्रात: 10 बजे धार्मिक साधु संतो, समिति के पदाधिकारी व सदस्य एवं नागरिकों की उपस्थित में होगा।
यहां बाजीराव के रुप में विराजें बप्पा
फोटो एमएन ०२१० गोल चौराहे पर बाजीराव के रुप में विराजे बप्पा।
शहर के गोल चौराहा क्षेत्र में श्री सिद्धि विनायक मंडल द्वारा गणेशोत्सव मनाया जाएगा। समिति का गोल चौराहा पर यह २३ वां साल है। यहां इस बार भी १२ फीट की मूर्ति महू से आयोजन लेकर आए है। जो दो माह में तैयार हुई है। इस बार के गणेशोत्सव में बप्पा महाराष्ट्रीय रुप में बाजीराव के रुप में विराजेंगे। बाजीराव के रुप में बप्पा की मूर्ति स्थापना के साथ पांडाल को भी उसी अंदाज में तैयार किया जा रहा है।
यह है गणपति की स्थापना और पूजा का समय
एस्टोलोजर रवीशराय गौड़ ने बताया कि गणपति की स्थापना और पूजा का शुभ मुर्हुत सुबह 11.05 मिनट से दोपहर 1.36 मिनट तक का कुल 2 घंटे 31 मिनट का है। गणेश पूजा के दौरान चंद्रमा नहीं देखने का भी प्राचीन गाथाओं के अनुसार महत्व है। इसके चलते चंद्रमा नहीं देखने का समय सुबह 8.55 मिनट से रात 9. 5 मिनट तक कुल 12 घंटे 10 मिनट का रहेगा। गणेशजी की स्थापना का समय चौघडिय़ा के अनुसार अमृत में सुबह 6.10 से 7.44 तक और शुभ में सुबह 9.18 से 10.53 बजे तक, लाभ में दोपहर 3.35 से 5.09 तक तो शाम को अमृत में 5.09 से 6.53 तक तो रात में 11.01 से 12.27 बजे तक भी शुभ मुर्हत है। इसके अलावा कई लोग लग्नानुसार भी मुर्हुत मानते है। ऐसे में लग्नानुसार सिंह लग्न में सुबह 5.03 से 07.12 तक, कन्या लग्न में सुबह 7.12 से 9.16 तक, धनु लग्न में दोपहर 1.47 से 3.53 तक, कुंभ लग्न में शाम 5.40 से 7.09 तक और मेष लग्न में रात्रि 8.43 से 10.24 के साथ विशेष अभिजीत योग में दोपहर 12.01 से 12.55 बजे मुर्हुत रहेगा।
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