४६४८ लंबित शिकायतों को है निराकरण का इंतजार
वर्तमान में जिले में ४६४८ शिकायतें करीब ४५ विभागों की जिले में लंबित चल रही है। इसमें २००९ एल-१ पर है। प्रारंभिक स्तर पर ही इन शिकायतों का निराकरण का इंतजार है तो वहीं एल-२ पर ४४१, एल-३ पर ७३७ के साथ एल-४ पर १४६१ आम आदमी की शिकायतें निराकरण का इंतजार करी है। पहले स्तर पर निराकरण नहीं होने के कारण एल-४ अंतिम स्तर तक शिकायतें पहुंच गई है। बावजूद इसके निराकरण में जिले के विभागों में बैठे अधिकारी रुचि नहीं दिखा रहे है। जबकि हर सप्ताह इसकी समीक्षा होती है और हर माह प्रादेशिक रैकिंग बनती है। लेकिन मंदसौर की स्थिति अंतिम जिलों में ही बनी हुई है। यानी यहां आम आदमी अपनी शिकायतों का निराकरण करवाने की राह देख रहा है और आंकड़ोंं में बढ़ोतरी होती जा रही है। हालांकि सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को देख तो जितनी शिकायतें अभी लंबित है वह जिले का औसत है। साढ़े ४ से ५ हजार शिकायतें हमेशा से ही लंबित ही रहती है।
७२.१७ प्रतिशत के साथ ५१ वे नंबर पर मंदसौर
अगस्त माह के आधार पर प्रदेशभर के जिलों की रेंटिंग जारी हुई। प्रदेश के ५२ जिलों को २६-२६ के दो समूह में बांट रखा है। मंदसौर दूसरे समूह में है। उसमें भी २५ नंबर पर शिकायतों के निराकरण में रहते हुए २५ वे नंबर पर आया है। यूं देखे तो ५२ जिलों में से मंदसौर ५१ पर नंबर पर आया है। ४ हजार ५६८ शिकायतें आई थी। इसमें से संतुष्टि के आधार पर निराकरण ४०.८२ प्रतिशत शिकायतों को हुआ है तो वहीं ५० दिवस से अधिक में ११.८६ प्रतिशत तो निम्न में में ९.६४ प्रतिशत और नोट अटेंडेट में ९.८५ प्रतिशत निराकरण का स्तर रहा है। प्रदेश में मंदसौर भले ही ५१ वे नंबर पर आया हो लेकिन शिकायतों का निराकरण की स्थिति में रेटिंग बी मिली है और ७२.१७ प्रतिशत का परफामेेंस रहा है।
इन विभागों में ही शिकायतों को अंबार, निराकरण में रुचि नहीं
यूं तो ४५ विभाग है। जिनमें आम लोगों की शिकायतें लंबित पड़ी है। इनमें से राजस्व से लेकर निकाय व पंचायत से लेकर ऊर्जा, वित्त और पीएचई से लेकर कृषि सहित श्रम के अलावा खाद्यान्न से जुड़े विभागों में शिकायतों की संख्या अधिक है। इन विभागों में शिकायतों का अंबार है लेकिन विभागीय अधिकारी इनके निराकरण में रुचि नहीं ले रहे है। राजस्व में १०५२, पंयायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में ९२१, निकाय में ६८६, वित्त में ६७८, ऊर्जा में ५२५, पीएचई में ३१९, गृह में ३१७, कृषि में १२८ शिकायतें चारों स्तर पर लंबित पड़ी है।