script6 साल बाद अब नपा में अब हो सकेंगे हिबा से जुड़े नांमातरण, शासन ने दी हरी झंडी | After 6 years, NAP will now be able to participate in NAPA, the govern | Patrika News

6 साल बाद अब नपा में अब हो सकेंगे हिबा से जुड़े नांमातरण, शासन ने दी हरी झंडी

locationमंदसौरPublished: Dec 10, 2019 11:17:05 am

Submitted by:

Nilesh Trivedi

6 साल बाद अब नपा में अब हो सकेंगे हिबा से जुड़े नांमातरण, शासन ने दी हरी झंडी

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मंदसौर.
नगर पालिका में करीब १६ सालों के बाद हिबा नामांतरण के प्रकरणों को हरी झंडी मिली है। कलेक्टर के आदेश की राज्य शासन ने पुष्टि की। अब नपा हिबा से जुड़े नामांतरण कर सकेंगे। २०१३ में इस पर रोक लगने के बाद ४०० प्रकरण हिबा के लंबित थे। वहीं रोक के कारण नपा ने हिबा से जुड़ी फाईल नहीं ली जा रही थी। अब नपा हिबा नामांतरण पर लगी रोक हटने के बाद फिर से हिबा नामांतरण करेगी। इसका रास्ता साफ हो गया है। सालों से लगी रोक हटने के बाद नपा फिर से हिबा मामलों के नामांतरण करेगी।

हिबा पर आए कलेक्टर के आदेश की शासन ने की पुष्टि, अब नहीं कोई बाधा
नपा में हिबा के आधार पर नामांतरण के मामले करीब १६ सालों से लंबित चले आ रहे है। कानून के अनुसार मुस्लिम समाज के नागरिको को अपनी संपत्ति के दान के व्यवहार के लिए स्टाम्प डयुटी एवं पंजीयन में छुट प्राप्त है। यह दान सव्यवहार हिबा कहा जाता है। किंतु नगर पालिका में रोक लगने के कारण प्रकरण ही लंबित चल रहे है और हिबा नामांतरण का सालों से निराकरण नहीं हो पाया है। पूर्व में भाजपा के बहुमत वाली निकाय और शासन के समय इस पर रोक लगी थी। नपा ने 20 सितंबर-2017 के ठहराव प्रस्ताव पारित कर सभी हिबा आधारित नामांतरण प्रकरणों को निरस्त कर दिया। नगर पालिका के इस ठहराव को कांग्रेस पार्षद हनीफ शेख, हाजी रशीद ने कलेक्टर न्यायालय मेें चुनौती दी थी। अभिभाषक प्रकाश रातडिया ने कलेक्टर न्यायालय में सर्वोच्चय न्यायालय द्वारा प्रतिपादित न्याय उत्तरण के माध्यम से विधिक स्थिति स्पष्ट की थी कि मुस्लिम समाज के नागरिको को हिबा के लिए स्टाम्प डयुटी एवं पंजीयन में छुट है।
कलेक्टर ने 14 अप्रैल-2018 के आए इस आदेश को नगर पालिका परिषद की धारा 323 की शक्तियो का प्रयोग कर नगर पालिका का ठहराव निलंबित कर दिया था। नियमानुसार कलेक्टर का आदेश पुष्टी के लिए राज्य शासन को भेजा गया। अब राज्य शासन ने संबंधित पक्षो की सुनवाई और प्रकरण के तथ्यो के बाद २७ नवंबर-2019 को आदेश पारित किया है। राज्य शासन की ओर से आदेश नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उप सचिव राजीव निगम ने पारित किया इसमें यह स्पष्ट किया गया कि मौखिल हिबा, हिबा यादी लेख के आधार पर नामांतरण किए जाने में कोई बाधा नही है।

आपत्ति को नपा ने किया निरस्त
नगर पालिका परिषद ने अपने ठहराव में सभी हिबा आपत्ति प्रकरणो को निरस्त किया जो उचित नहीं था। कलेक्टर के आदेश की राज्य शासन ने पुष्टी कर दी है। इस आदेश के फलस्वरूप मुस्लिम वर्ग के नागरिको के हिबा आधारित नामांतरण प्रकरणो के निराकरण की बाधा समाप्त हो गई है।

२०१३ में लगी रोक १४ के बाद नहीं ली एक फाईल
हिबा नामांतरण के प्रकरणों पर वर्ष २०१३ में रोक लगी थी। नपा को एक लेटर मिला था। इसके बाद से हिबा के मामलों पर रोक लगाई गई थी। उस समय नपा के पास हिबा से जुड़े नामांतरण के करीब ४०० मामलें थे। जो अब तक लंबित होकर नपा के पास ही है। इस पर रोक लगने के बाद नपा ने वर्ष २०१४-१५ के सत्र में हिबा नामांतरण के प्रकरणों को लेना भी बंद कर दिया और फाईल ही नहीं ली जा रही थी। ऐसे में १६ साल से हिबा नामांतरण के प्रकरण अटके है। इनका मार्ग अब प्रशस्त हुआ है।

परिषद में रखेंगे प्रकरण
वर्ष २०१३ में हिबा नामांतरण पर रोक लगाई गई थी। अब आदेश आ गया है तो जितने भी हिबा नामांतरण के प्रकरण है। उन्हें परिषद में रखेंगे और स्वीकृति दिलाएंगे। पूर्व में लंबित के अलावा हिबा के प्रकरण फिर से लिए जाएंगे।-हनीफ शेख, नपाध्यक्ष

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