script500 एकड़ से अधिक क्षेत्र में मोरिंगा की खेती होने पर कागज का कारखाना स्थापित होगा | A paper factory will be established if Moringa is cultivated in more t | Patrika News

500 एकड़ से अधिक क्षेत्र में मोरिंगा की खेती होने पर कागज का कारखाना स्थापित होगा

locationमंदसौरPublished: Sep 05, 2019 11:50:29 am

Submitted by:

Nilesh Trivedi

500 एकड़ से अधिक क्षेत्र में मोरिंगा की खेती होने पर कागज का कारखाना स्थापित होगा

500 एकड़ से अधिक क्षेत्र में मोरिंगा की खेती होने पर कागज का कारखाना स्थापित होगा

500 एकड़ से अधिक क्षेत्र में मोरिंगा की खेती होने पर कागज का कारखाना स्थापित होगा

मंदसौर.
केंद्र की कल्पतरु योजना में स्वरोजगार प्रकरणों के लिए हितग्राहियों के चिंहाकन दस्तावेज एकत्रीकरण को लेकर बुधवार को कलेक्टोरेट भवन में बैठक हुई। बैठक के दौरान एमएसएमई मंत्रालय के प्रोफेसर एके मुदगुल ने बताया कि जिले में 500 एकड़ से अधिक मोरिंगा की खेती होने पर जिले में कागज बनाने का कारखाना स्थापित हो सकता है।
इसकी खेती पर किसानों को उचित दाम मिलेगा। बाजार की सुविधा मिलेगी एवं नई तकनीक भी किसानों को मिलेगी। इससे किसानों को अतिरिक्त आय होगी। हर चीज का पहले से ही दाम तैयार होगा। जो किसानों की मर्जी से तय किया जाएगा। मोरिंगा की खेती 1 एकड़ में 12 हजार पौधे लगाने होंगे। इसमें 6 किलो बीज की आवश्यकता होती है। सूक्ष्म तत्वों की कमी के लिए कंपनी के द्वारा फ्री में खाद बीज मुहैया कराई जाएगी।
पहली बार तीन माह में फसल तैयार होगी। साथ ही दूसरी बार में दो माह में यह फसल तैयार होगी। उन्होंने बताया कि एक गांव में 50 एकड़ पर उत्पादन होना अनिवार्य है। इससे उस गांव में मशीन लग सकें और बैंक भी लोन दे सकें। मोरिंगा की खेती के लिए कंपनी के साथ 7 वर्ष का अनुबंध होगा। इस दौरान किसानों के द्वारा एमएसएमई मंत्रालय से आए अधिकारियों से प्रश्न पूछे गए एवं किसानों की जिज्ञासाओं को शांत किया।
बैठक के दौरान भारत सरकार स्टील विभाग के निर्देशक नीरज अग्रवाल, जल संसाधन के उपसंचालक अंनत प्रकाश कंडीयाल, जिला पंचायत सीईओ क्षितिज सिंघल, एमएसएमई मंत्रालय से प्रोफेसर मुदगुल, निधि चतुर्वेदी सहित कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, उद्योग, सहकारिता, मछलीपालन विभाग के जिला अधिकारी के साथ्ज्ञ अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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