रबी सीजन की बंपर आवक के कारण मंडी के इंतजाम और प्रशासनिक व्यवस्था ही सीमटी हुई नजर आई। मंडी प्रांगण बोना साहित हुआ तो प्रशासनिक इंतजामों की सांसे फूल गई। बंपर आवक से मंडी में आवक के अब तक के सारे रेकॉर्ड टूट गए। तेज धूप के बीच अपनी उपज बेचने में किसान मंडी में डेरा डाले जमा रहे। आवक ने तमाम इंतजामों को समेट दिया। गेहूं की १४ हजार तो लहसुन की २८ हजार आवक हुई। जितनी आवक मंडी प्रांगण में हुई उतनी ही उपज लिए किसान मंडी के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रहे है।
आवक भरपूर पर अफसर संभाल नहीं पा रहे व्यवस्था
मंडी में इन दिनों रबी सीजन की उपज की बंपर आवक हो रही है। लहसुन से लेकर गेहूं व सोयाबीन की आवक अत्यधिक हो रही है। दाम अच्छे होने के साथ आवक बढ़ रही है लेकिन किसानों की परेशानियां कम नहीं हो पा रही है। मंडी के अधिकारी यहां की व्यवस्थाओं को संभाल नहीं पा रहे है और किसानों की सहुलियत नहीं कर पा रहे है। इसी कारण किसान हर दिन यहां परेशान हो रहे है। किसानों की परेशानियों और असुविधाओं के बीच किराना से जुड़ी जिंसों की आवक तो लगातार कम होती जा रही है।
५५ हजार ८४३ बोरियों की रही आवक, इतनी ही उपज लिए किसान खड़े बाहर
अवकाश के बाद मंडी सोमवार को खुली तो मंडी में लहसुन, गेहूूं, रायड़ा से लेकर अन्य जिंसों की बंपर आवक रही। गेहूं १४ हजार, लहसुन २८ हजार, सोयाबीन ३३२३, मैथी ३५००, चना ७००, अलसी ३७००, प्याज ११०० सहित विभिन्न जिंसों की ५५ हजार ८४३ बोरियों की आवक सोमवार को प्रांगण में रही, लेकिन इतनी ही उपज लिए किसान मंडी के बाहर करीब दो किमी से अधिक दूरी तक कतार में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। दो हजार से अधिक वाहन मंडी के बाहर प्रवेश के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हुए यहां रात से खड़े हुए है। आवक और बाहर कतारें लगने के कारण महू्र-नीमच हाईवे पर दिनभर यातायात बाधित हो रहा रहा और मंडी के बाहर एक तरफ से ही आवाजाही रही।