इन कारणों से आस्था का केंद्र बन गया छोटा महादेव का यह स्थान
भानपुरा के बाहर रेवा पुलिया से आगे नागमाता मंदिर परिसर है। यहा सूर्यवंशीय कुमरावत तंबोली समाज की कुलदेवी को समर्पित विग्रह है। आगे छोटा महादेव मंदिर समूह है। यहीं पर तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित जिनालय है। मुख्य मंदिर झारखंडेश्वर वैद्यनाथ के नाम से रेकार्ड में दर्ज है। इसके साथ ही गर्भगृह में विशाल शिवलिंग, दक्षिण दीवार पर देव प्रतिमा गर्भगृह व मंडप के बीच गणेश विराजित है। मंडप में शिवार्चन करने वाले श्रद्धालु जन पूजा पाठ में लीन रहते है। यह सिद्ध स्थल है। यहा भारती परिवार के साधक यति जनों की दिव्य समाधिया भी है। परिसर में विशाल वट वृक्षों की छाया है।
प्राचीनता के साथ इतिहास की गवाही बन रहे यह प्रतीकचिन्ह
सावन माह में रुद्राभिषेक होता रहता है। परिसर में पूर्वाभिमुख सोमेश्वर महादेव का मंदिर है। जो सोमनाथ नहीं जा सकते वे भक्त यहा आराधना पूजन कर आध्यात्मिक लाभ ले सकते है। मुख्य मंदिर के सामने रुद्रकुंड है। जो कलात्मक है दूर दूर तक ऐसा रुद्रकुंड नहीं है। रुद्रकुंड कि पाल पर खुले में कुछ नंदी व शिवलिंग रखे है। इन में से एक पर सम्वत 1192 लिखा है। यानी ये बहुत प्राचीन व दिव्य स्थल है। जिनालय के पास ही नीचे हरिहर को समर्पित लघु शिवालय है। जो 900 वर्ष प्राचीन है। पास ही सुंदर जलस्रोत शिवगंगा लहरी है। जहां मात्र 15 फिट गहराई पर सालभर जल मिलता है। यही पर दरवाज़े के पास एक तलघर नुमा मंदिर में गुप्त गफा है। इसके बारें में किंवदतियां है कि ये गुफा उज्जैन के महाकाल तक जाती है। झारखंडेश्वर महादेव मंदिर परिसर के बाहर एक स्मृति वन है। इसके अलावा पर्यटनों के लिए यहीं पर सनसेट पॉइंट व इको पॉइंट भी है। पास में तलहटी में पान के खेती यानी पनवाड़ी भी है। यह पान कृषक किस तरह पान को सहेजते है देख सकते है। श्रावणी अमावश्या पर एक दिन का मेला लगता है। पहाड़ की हर चट्टान रंगबिरंगी और आकर्षित करने वाली लग रही है।
अहिल्याबाई होलकर ने कराया था मंदिर का जीणोद्धार
स्थानीय इतिहासकार डॉ प्रदुम्न भट्ट बताते है कि यह स्थल प्राचीन इंद्रगढ़ का ही भाग था। जब इंदरगढ़ बेचिराग हुआ तब आधुनिक भानपुरा बसा तभी से इन दोनों जगहों को छोटा व बड़ा महादेव के नाम से पहचाना जाता है। अहिल्या बाई होलकर ने इन मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया था। इसी के पास प्राचीन आबादी के अवशेष देखे गए है। इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से एक और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तो यहां आने वाले पर्यटनों की सुविधाएं भी बढ़ेगी।