मंदसौर

कुपोषित बच्चों को गोद लेने में ‘विभाग बना रोडा

कुपोषित बच्चों को गोद लेने में ‘विभाग बना रोडा

मंदसौरAug 18, 2019 / 08:53 pm

Vikas Tiwari

mandsaur news

मंदसौर.
दस्तक अभियान में जिलेभर में करीब ६९५ बच्चों में कुपोषण से ग्रसित होना सामने आया। इसके लिए जिले में अलग से पोषण पुर्नवास केदं्र खोले गए। बावजूद ५५ फीसदी बच्चे ही उन केंद्रों तक पहुंचे है। अभी करीब ४५ फिसदी बच्चे पोषण पुर्नवास केंद्र तक नहीं पहुंचे है। वहीं दूसरी ओर जिले के प्रभारीमंत्री हुकुमसिंह कराड़ा ने करीब जून माह के अंत में समीक्षा बैठक की थी। उसमें जिला पंचायत अध्यक्ष प्रियंका गोस्वामी ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा कुपोषित बच्चों के गोद लेने का मुद्दा उठाया था। उसमें प्रभारी मंत्री ने इस पहल की प्रशंसा की थी और मौजूद सभी जनप्रतिनिधियों ने इस हामी भरी थी।
लेकिन यह मामला समीक्षा बैठक तक ही सीमित रह गया। इसका सबसे बड़ा कारण है कि स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश ही जारी नहीं किए है। जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि पालन प्रतिवेदन हुआ है। इस मामले में मंगलवार को सीएमएचओ ने आदेश पर हस्ताक्षर किए है। और वे कब तक संबंधित अधिकारियों के पास पहुंचेगा और वे कब अमल करेगें यह बड़ा सवाल है।
सबसे अधिक कुपोषित सीतामऊ ब्लॉक में
सीएमएचओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में करीब ६९५ कुपोषित बच्चे दस्तक अभियान में सामने आए थे। इनमें से सबसे अधिक कुपोषित बच्चे सीतामऊ ब्लॉक में २५२ सामने आए है। जिसमें से १०६ कुपोषित बच्चों को अब तक एनआरसी में भर्ती किया गया। वहीं इसके बाद मेलखेड़ा ब्लॉक में १६६ बच्चे कुपोषित सामने आए थे। जिसमें से १४० बच्चों को एनआरसी में भर्ती किया गया। मल्हारगढ़ ब्लॉक में १२९ बच्चे कुपोषित सामने आए थे। जिसमें ३७ बच्चों को एनआरसी भी भर्ती किया गया। मंदसौर में ९५ बच्चे कुपोषित बच्चे सामने आए थे। जिसमें से ४४ बच्चों को भर्ती किया गया।
खाली पड़े अतिरिक्त एनआरसी
पत्रिका ने मंगलवार को जिला अस्पताल में दस्तक अभियान के दौरान अतिरिक्त एनआरसी कक्ष का जायजा लिया तो वहां पर कोई भी बच्चा भर्ती नजर नहीं आया। बल्कि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ही करब ५१ बच्चे अभी भर्ती होना शेष है। सभी ब्लॉक में बड़ी संख्या में बच्चे एनआरसी तक नहीं पहुंच पाए है।
 
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