मंदसौर

बैंक मर्जर के विरोध में हड़ताल कर बैंक कर्मियों ने किया प्रदर्शन

बैंक मर्जर के विरोध में हड़ताल कर बैंक कर्मियों ने किया प्रदर्शन

मंदसौरOct 23, 2019 / 11:16 am

Nilesh Trivedi

बैंक मर्जर के विरोध में हड़ताल कर बैंक कर्मियों ने किया प्रदर्शन

मंदसौर.
ऑल इंडिया बैंक एम्पलाईज एसोसिऐशन एवं बैंक एम्पलाईज फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर मंगलवार को राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल में नगर के बैंक कर्मियों ने भी भाग लेकर हड़ताल रखी। हड़ताल के दौरान गांधी चौराहा पर प्रदर्शन किया। इधर बैंकों की हड़ताल के कारण त्यौहारी समर में आम लोगों को परेशान होकर भटकना पड़ी।
वहीं शहर सहित जिले के अधिकांश जगहों पर लगे एटीएम या तो बंद मिले या उनमें नोट नहीं थे। इसके चलते बाजार में खरीददारी करने के लिए लोगों को एटीएम बंद होने के कारण भटकना पड़ा तो परेशान होना पड़ा। हालांकि बैंक अधिकारियों का कहना है कि एटीएम के मेटनेंस का पूरा सिस्टम सेंट्रललाईज है और एटीएम मॉनीटरिंग के लिए लगातार टीम काम करती है। और एटीएम हर समय चालू रखनें और पूरे समय उसमें राशि रखे जाने का नियम है।
बावजूद इसके त्यौहारी समर में आम लोगों के लिए एटीएम का बंद होना परेशानियों का कारण बन गया है। अलग-अलग बैंकों के लगे एटीएम अधिकांश जगह तो नोट ही नहीं उगल रहे है। तो बैंकों में हड़ताल के कारण भी कामकाज प्रभावित हुआ। हालांकि दीपोत्सव के इस दौर में बैंक का अवकाश नहीं है। सिर्फ लक्ष्मी पूजन के दिन वह भी रविवार होने के कारण अवकाश रहेगा।

आर्थिक मंदी की चपेट में देश
हड़ताल के दौरान गांधीचौराहें पर प्रदर्शन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि इस समय देश गहरी आर्थिक मंदी की चपेट में है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आर्थिक संसाधनों के साथ अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में निर्णायक भूमिका अदा कर सकते है परंतु बैंकों का विलय एवं बंद करने का निर्णय इन कार्यों से भटकाना है। सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों का 31 मार्च 2019 को समाप्त वर्ष में कुल सकल लाभ लगभग 1 लाख 50 हजार करोड़ रहा लेकिन खराब ऋणों के लिए कुल प्रावधान 2 लाख 16 हजार करोड़ का किया गया। इसके कारण बैंकों को 66 हजार करोड़ की हानि हुई। स्टेट बैंक में विलय के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खराब ऋणों में वृद्धि हो गई है।

बड़े ग्राहको का बोझा छोटों के कंधों पर लादा जा रहा है
एक तरफ बड़े घराने बड़े.बड़े ऋण नहीं चुका रहे है उन्हें हर प्रकार की छूट दी जा रही है। इस हानि का बोझ आम ग्राहक के कंधों पर डाला जा रहा है। अनेक बैंक सभी प्रकार के सेवा प्रभारों में वृद्धि कर रहे है। बैंक यूनियन ने इसकी समीक्षा करने की मांग की। बैंकों में एनपीए की समस्या हल करने के लिए सरकार को खराब ऋणों की वसूली के लिए दंडात्मक उपाय करना चाहिए। इसके बजाय बैंकों का विलय करके सरकार जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। यदि बैंकों का विलय होता है तो कई शाखाएं बंद हो जाएगी। स्टॉफ की भर्ती में कमी आ जाएगी इस प्रकार रोजगार के अवसरों पर कुठाराघात होगा।
बैंक कर्मचारियों द्वारा मांगों को लेकर यहां पर नारेबाजी की गई। बैंक का विलय नहीं चलेगा, बैंक बंदी नहीं चलेगी, खराब ऋणों की शीघ्र वसूली करें के नारें यहां लगाए गए। इस दौरान महेश मिश्रा, रमेशचंद्र जैन, सुरेंद्र संघवी, गजेंद्र तिवारी, संतोष गुर्जर, केसी सेन, गोपालकृष्ण मोड़, शैलेष पाठक ने संबोधित किया। संचालन शिवराजेंद्र शास्ता ने किया। आभार जिनेंद्र राठौर ने माना।

१२७ एटीएम पर नोट नहीं उगले तो लोग हुए परेशान
जिले में १२७ विभिन्न बैंकों के एटीएम है। लेकिन बैंकों की हड़ताल के कारण एटीएम में राशि नहीं मिली तो बाजारों में खरीददारी के लिए लोग पहुंचे तो एटीएम ने नोट नहीं उगले तो लोगों को परेशान होना पड़ा। लीड बैंक मैनेजर कुमार उदयन ने बताया कि एटीएम की मॉनीटरिंग की टीम हर दिन रिपोर्ट देती है। इसके मेंटनेंस से लेकर निगरानी का पूरा सिस्टम सेंट्रलाईज है। यदि किसी बैंक के एटीएम में राशि नहीं है तो बैंक के प्रबंधक से पूछा जाएगा।
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