गेहूं के रखरखाव पर उठाए सवाल
अपनी ही सरकार पर बीजेपी विधायक यशपाल सिसौदिया ने उस वक्त ये सवाल उठाया जब वो मंदसौर के पास पीटीयाखेड़ी गांव में रखे सरकारी गेहूं की व्यवस्था देखने के लिए पहुंचे थे। मौके पर पहुंचने के बाद विधायक सिसौदिया को पता चला कि सैकड़ों किलोमीटर दूर से गेहूं लाकर वहां पर रखा जा रहा है। ऐसा नहीं है कि गेहूं को रखने के लिए पीटीयाखेड़ी में कोई खास इंतजाम हो, प्लेटफॉर्म के ऊपर ही खुले आसमान के नीचे गेहूं के बोरों को पॉलिथिन से ढांककर रखा जा रहा है। गेहूं की सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात हैं और इतना ही नहीं 15 कर्मचारी और भी हैं जो यहां पर बाहर से आने वाले गेहूं को उतारकर उसको जमाते हैं और उसका ध्यान रखते हैं। ये सब जानने के बाद विधायक सिसौदिया ने कहा कि गेहूं को रखने की जगह नहीं है और अगर गेहूं को खुले आसमान के नीचे ही रखना है तो फिर उसे सैकड़ों किलोमीटर दूर लाकर रखने की जरुरत क्या है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जितने पैसे में गेहूं को ट्रांसपोर्ट कर यहां पर लाया जा रहा है उतने पैसे में तो वहीं पर प्लेटफॉर्म बनाकर खुले में उसे रखा जा सकता है।
ट्रांसफोर्ट माफियाओं को फायदा पहुंचाने का आरोप
बीजेपी विधायक यशपाल सिसौदिया ने आगे कहा कि गेहूं को सैकड़ों किलोमीटर दूर लाकर खुले आसमान के नीचे रखना कहीं न कहीं भ्रष्टाचार के सवालों को जन्म दे रहा है। सरकारी अधिकारी और ट्रांसपोर्ट माफियाओं की मिलीभगत से भ्रष्टाचार हो रहा है इस बात की शिकायत वो खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान से करेंगे।
(STORY PUBLISH BY SHAILENDRA SHARMA)