वीआईपी सडक़ में घटिया निर्माण पर कार्रवाई अब तक नहीं
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के निवास स्थान पहुंचने वाली सडक़ के मामले में नपा की अरुचि के बाद अब कलेक्टर गौतमसिंह ने संज्ञान लिया है। इसे लेकर तकनीकि विभागों के अधिकारियों को जांच दल बनाया। जिसने काम शुरु कर दिया है। नपा में मामले में लीपापोती और गोलमाल का खेल जारी रखा है। इंजीनियरो ने हाथ खड़े करते हुए यह कहा कि ठेकेदार ने सीसी पर डामरीकरण कर दिया उन्हें पता नहीं था। घटिया निर्माण में ठेकेदार के साथ नपा का तकनीकि अमला भी जवाबदार है। लेकिन अभी अब तक सभी कार्रवाई की आंच से बचे हुए है।
सीसी रोड तीन माह में उखड़ी तो दो घंटे में किया डामर, अफसरों को पता नहीं
नपा इस सडक़ पर बार-बार लाखों रुपए फूंक रही है। मोतिखाई नाले से अंबारिसोर्ट वाली सडक़ शहर की वीआईपी सडक़ है। यह सडक़ वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा के निवास तक पहुंचाती है। इसीलिए नपा ने अब तक इस सडक़ के लिए नियम कानून को ताक पर रखते हुए काम किया है। सीसी रोड के टैंडर के बाद भूमिपूजन होने के दो साल तक नपा काम नहीं करवा पाई। लेकिन पेचवर्क करवाया गया, दबाव बढ़ा तो रोड खोद दिया। बदहाल मार्ग से परेशानी बढ़ी तो फिर जल्दबाजी में सीसी रोड़ बनाया गया। वह भी दो-तीन माह नहीं चल पाया और फिर सडक़ खराब हो गई। घटिया निर्माण की कहानी सीसी रोड की उड़ती धुल और गिट्टी व गायब सरफेस खुद बया कर रहा था, लेकिन १२ अपे्रल को मात्र दो घंटे में इस घटिया निर्माण पर डामरीकरण की कालीख पोत दी गई और इसे दबा दिया गया। ऐसे में नपा के इंजीनियर से लेकर निर्माण पर सवाल खड़े हो रहे है। अब नपा ने नोटिस करते हुए रिपोर्ट मांगी है।
इन विभागों का दल करेगा जांच
नगर पालिका द्वारा मोतियाखाई से अंबारिसोर्ट तक सीसी रोड़ गत माह में बनाया था। जो तीन माह भी नहीं चल पाया और उखड़ गया और सीसी रोड़ का सरफेस ही उड़ गया था। इस पर दो घंटे में डामरीकरण किया गया। जिसे पत्रिका ने १३ अप्रेल के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद नपा ने मामले में नोटिस जारी किए तो अब कलेक्टर ने मामले में लोक निर्माण विभाग, प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना और पीआईयू के अधिकारियों का दल बनाया। इतना ही नहीं से इस रोड़ मामले में हुई कार्रवाई की अब तक की पूरी फाईल भी तलब करते हुए अपने कार्यालय बुलवाई। इसके पूर्व इस रोड़ का दो साल पहले टैंडर भूमिपूजन हो चुका था लेकिन निर्माण नहीं। और पेंचवर्क में राशि फूंकी जा रही थी। तब पत्रिका ने नवंबर-२०२१ में भी मामले को लगातार प्रकाशित करते हुए उठाया था।