scriptकमिश्नर मंदसौर-नीमच जिले के एसडीएमों को दी 20 अक्टूबर की डेडलाइन और काम नहीं तो सभी निलंबित | Commissioner of Mandsaur-Neemuch district gave SDMs deadline of 20 Oct | Patrika News

कमिश्नर मंदसौर-नीमच जिले के एसडीएमों को दी 20 अक्टूबर की डेडलाइन और काम नहीं तो सभी निलंबित

locationमंदसौरPublished: Oct 12, 2019 11:36:06 am

Submitted by:

Nilesh Trivedi

कमिश्नर मंदसौर-नीमच जिले के एसडीएमों को दी 20 अक्टूबर की डेडलाइन और काम नहीं तो सभी निलंबित

कमिश्नर मंदसौर-नीमच जिले के एसडीएमों को दी 20 अक्टूबर की डेडलाइन और काम नहीं तो सभी निलंबित

कमिश्नर मंदसौर-नीमच जिले के एसडीएमों को दी 20 अक्टूबर की डेडलाइन और काम नहीं तो सभी निलंबित

मंदसौर.
मुख्यमंत्री ने 15 अक्टूबर तक बाढ़ प्रभावितों को राहत देने की घोषणा की, लेकिन अभी तक प्रकरण तैयार नहीं हुए है। मैं अपनी ओर से २० अक्टूबर की डेडलाइन दे रहा हूं। तब तक सारे प्रकरण तैयार हो जाना चाहिए नहीं तो सभी एसडीएमो को निलंबित कर दूंगा। और विभागीय जांच भी करवाऊंगा। यह सख्त हिदायत कमिश्रर अजीत कुमार ने दी। वे कलेक्टोरेट सभाकक्ष में शुक्रवार को मंदसौर-नीमच जिले के बाढ़ के बाद राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बाढ़ प्रभावितों के लिए प्रशासन ने काम करने का ढिंढोरा पीटा, लेकिन कितना काम जमीनीस्तर पर किया उसकी पोल कमिश्रर द्वारा ली गई समीक्षा बैठक में खुल गई।

उन्होंने राजस्व अधिकारियों को कहा कि शनिवार-रविवार को भी काम करो। मंदसौर के बाद नीमच जिले के कामों की समीक्षा की। दोनों जिलों में काम की प्रगति पर नाराजगी जताई। करीब दो घंटे लंबी बैठक चली। पत्रिका ने बाढ़ प्रभावितों को समय पर राहत क्यों नहीं मिलेगी इसको लेकर ४ अक्टूबर को प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।

पटवारियों की हड़ताल का बहाना बनाया तो कमिश्नर ने गिना दिए दिन
जब समीक्षा के दौरान कमिश्रर ने सभी राजस्व अधिकारियों को हिदायत दी तो ेकलेक्टर ने काम में देरी होने का कारण पटवारियों की हड़ताल बताया। इसके बाद कमिश्रर ने हड़ताल के दिन हटाकर कहा कि १४ दिन काम किया गया। इन दिनों में एक पटवारी एक दिन में एक गांव भी करता तो कितने गांव हो जाते। कमिश्नर की इस बात का दोनों जिलों के अधिकारियों के पास जवाब नहीं था और वह बंगले झांकने लगे। वहीं जब पूछा की जिले में कितने परिवारों को राशन वितरित किया तो १८ हजार का जवाब मिला, लेकिन जब पूछा की राहत कैंप में कितने को रखा तो जवाब आया ३० हजार तो कमिश्नर ने पूछ लिया बाकी को क्यों खाद्यान्न वितरित नहीं किया तो इसका भी जवाब नहीं मिला।

अफसरों को कमिश्नर ने कहा हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे
जानकारी के अनुसार जिले में बाढ़ से ९५५ गांव प्रभावित हुए। मंदसौर तहसील में १६९ गांव प्रभावित हुए, लेकिन प्रकरण अब तक सिर्फ १८ गांवों के बने। दलोदा में ६० गांवों में से सिर्फ १३ गांव के प्रकरण बने। यहीं हाल है पूरे जिले में सिर्फ २० प्रतिशत ही काम हो पाया। इस पर कमिश्नर ने बैठक में कहा कि ऐसे क्षेत्र गांव एवं खेत जो पानी से पूरी तरह से नष्ट हो गए। वहां पर किसी प्रकार की सर्वे की जरूरत नहीं है। सर्वे का नाम लेकर ज्यादा समय न लगाएं। हाथ पर हाथ धरकर न बैठे। अब तक इतने कम प्रकरण बनाए गए हैं। कृषि विभाग रबी सीजन के लिए बाढ़ प्रभावितों को बीज मुफ्त में मिले इसके लिए संचलनालय से जो आवश्यक कार्रवाई करवानी हो वह समय पर करें। पीओ डूडा को निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे बाढ़ पीडि़त जिनके मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए। उन्हें किस तरह से तुरंत लाभ मिल सकता है। इसके लिए कार्य करें एवं भोपाल स्तर पर कलेक्टर के माध्यम से पत्र लिखें। बैठक में नीमच व मंदसौर जिले के कलेक्टर को निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ से जो सड़कें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। उन सड़कों का कलेक्टर एक बार पीडब्ल्यूडी विभाग, पीएमजीएसवाईएस विभाग के साथ दौरा करें। पीडब्ल्यूडी विभाग, पीएमजीवाईएस विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि सड़कों पर अस्थाई मरम्मत के स्थान पर स्थाई समाधान निकालें।
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