जिले में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित इसी क्षेत्र से सामने आए थे। कोरोना का पहला केस 26 अप्रेल को आने के बाद प्रशासन ने गुदरी क्षेत्र को कंटेनमेंट कर संक्रमण रोकथाम के प्रयास शुरू किए, लेकिन हालात और खराब होते चले गए। 40 दिनों की अवधि में 72 कोरोना संक्रमित सामने आ गए। आंकड़ा भयावह हुआ तो संक्रमण रोकथाम के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई। इसी दौरान मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर मेडिकल टीमों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं से माहौल तनावपूर्ण बन गया। पर, डॉ. शाहिद कुरैशी ‘गुदड़ी के लाल’ बनकर सामने आए और गुदरी की कायापलट दी।
सुबह 7 बजे से देर रात तक किया काम
मेडिकल टीम व क्षेत्र के लोगों के बीच सेतु बनकर मौर्चे पर डटे डॉ. कुरैशी कोरोना को हराने का जज्बा लेकर सुबह 7 बजे से देर रात तक क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा घरों तक पहुंचे। लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक किया। मकसद मेडिकल टीमों का सर्वे कराना और संक्रमितों को समझाकर उचित उपचार के लिए भेजना था।
स्क्रीनिंग बढ़ी तो घट गए संक्रमित
महिलाओं और बुजुर्गों के साथ बच्चे भी संक्रमित हुए तो लोगों में भय छा गया। वे जांच और स्क्रीनिंग तक से घबराने लगे। डॉ. कुरैशी ने स्क्रीनिंग टीमों का हौसला बढ़ाया और उनके साथ मिलकर घर-घर जाकर दस्तक दी। एक सप्ताह में स्क्रीनिंग की गति बढ़ने लगी। पहले 21 दिन के बाद 12 लोग स्वस्थ हुए। इससे सबका मनोबल बढ़ा और आइसोलेशन वार्डों में टीमों के साथ उपचार में सहयोगी बन कोरोना मुक्ति की जंग के भागीदार बन गए।
परिवार से रहे दूर, पोती दुलार को तकती रही
दो माह तक डॉ. कुरैशी के लिए गुदरी क्षेत्र घर बन गया। वे घर जाते जरूर, लेकिन तब तक परिवार के ज्यादातर सदस्य सो जाते। फिर अल सुबह उठते और मेडिकल टीमों के साथ क्षेत्र में पहुंच जाते। घर पर पोतियां उनका इंतजार करती रहतीं। वे दूर से दुलार कर कर्तव्य के सफर पर निकल पड़ते।
72 कोरोना पॉजिटिव थे, शून्य हो गए
डॉ. कुरैशी के सहयोग से मेडिकल टीमों ने गुदरी में सात बार स्क्रीनिंग कीं। हर स्क्रीनिंग के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़ने की दर बदली और हालात ठीक होते गए। करीब 10 टीमों ने हर घर को सर्वे में शामिल किया। दो माह की अवधि के बाद 72 के आंकड़े वाला गुदरी क्षेत्र कोरोना की जंग जीत गया और संक्रमण मुक्त हो गया।
बेहतर प्रयासों से मिली सफलता
गुदरी क्षेत्र 16 अप्रेल को कंटेंनमेंट जोन बना था। एक परिवार से मल्टीपल केस आए। संक्रमितों की संख्या 72 तक पहुंच गई। कांटेक्ट ट्रेसिंग कर 10 स्वास्थ्य टीम बनाईं। सात बार घर-घर सर्वे किया गया। दो माह के प्रयास के बाद गुदरी क्षेत्र कोरोना मुक्त हुआ है। डॉ. कुरैशी का काफी सहयोग मिला।
– ऋषव गुप्ता, सीईओ, जिला पंचायत
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