शासन की मोबाइल गिरदावरी प्रक्रिया के तहत अब किसान फसल का घोषण पत्र भरेगा, जिसका सत्यापन हल्का पटवारी करेगा और जानकारी भू अभिलेख में दर्ज हो जाएगी। इसी प्रकार प्राकृतिक आपदा से किसान की फसल को नुकसान के संबंध में भी यही प्रक्रिया रहेगी। पूर्व पटवारी किसानों के खेतों पर जाकर फसल की जानकारी या नुकसान का आंकलन करते थे, अब इस प्रक्रिया को नहीं करना होगा और किसान स्वयं ही यह जानकारी देगा और पटवारी द्वारा उसे सत्यापित किया जाएगा। इससे समय और धन की बचत के साथ किसान को योजनाओं के लाभ समय पर मिल सकेंगे।
किसान ऑनलाइन देगा जानकारी
इस प्रक्रिया के तहत किसान स्वयं अपनी घोषणा द्वारा अपनी भूमि पर उगाई फसलों की जानकारी कॉल सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन करेंगे। जानकारी प्रस्तुत होने के बाद पटवारी किसान के स्व-घोषणा पत्र का सत्यापन करेगा। आवश्यक होने पर संशोधन कर वो आगे कार्रवाई के लिए प्रेषित कर देगा। यह प्रकिया प्रत्येक वर्ष दो बार खरीफ और रबी की फसल के बाद होती है। इसे आसान बनाने के लिए ही प्रक्रिया में बदलाव किए गए हैं, ताकि किसान को शासन की योजना का लाभ सही समय पर उपलब्ध हो सके।
इनका कहना
पूर्व में किसान शिकायत करते थे कि पटवारी ने बिना जानकारी लिए ही किसानेां की फसल बता दी है। इस प्रक्रिया से पटवारी किसानों की फसलों की गलत जानकारी उपलब्ध नहीं करा सकेंगे। हालांकि इसके लिए एक निर्धारित तिथि भी है।
– प्रियंका जैन, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख मंदसौर