मंदसौर

कलेक्टर ने दिए नंबर, लगाने पर महिला कर्मचारी ने कहा गलती से दे दिया नंबर हमारा नहीं काम, बहुत आ रहे है ऐसे फोन

कलेक्टर ने दिए नंबर, लगाने पर महिला कर्मचारी ने कहा गलती से दे दिया नंबर हमारा नहीं काम, बहुत आ रहे है ऐसे फोन

मंदसौरJul 26, 2019 / 11:26 am

Nilesh Trivedi

कलेक्टर ने दिए नंबर, लगाने पर महिला कर्मचारी ने कहा गलती से दे दिया नंबर हमारा नहीं काम, बहुत आ रहे है ऐसे फोन

मंदसौर.
जिले में गिरते पानी की स्तर को रूफ हार्वेस्टिंग सिस्टम से बढ़ाने को लेकर कलेक्टर मनोज पुष्प गंभीर है। उनके कार्यों में से सबसे महत्वपूर्ण रुफ हार्वेस्टिंग सिस्टम का कार्य है। और बकायदा उसका प्रचार प्रसार भी किया है। जब पत्रिका ने उसकी पड़ताल की तो कलेक्टर के इस काम के प्रति गंभीरता से ठीक उलटा ही जवाब मिला है। रेनवॉटर हारर्वेस्टिंग सिस्टम डेढ़़ हजार में लगाने के तरीके के साथ इसे लेकर विस्तृत जानकारी के लिए 07422223923 नंबर कलेक्टर की और से जारी किए गए। लेकिन इस पर फोन लगाने पर हारर्वेस्टिंग के बारें में जानकारी तो ठीक, सीधे यह जवाब दिया जा रहा है कि नंबर गलत है। कलेक्टर ने आम लोगों को नंबर दिए, लेकिन वहां जो महिला कर्मचारी फोन उठा रही।
उसका कहना था कि बहुत लोग फोन लगा रहे है। लेकिन यह हमारा काम नहीं है। यह नंबर गलती से किसी ने दे दिया है। इतना कहकर फोन काटा जा रहा है। शाम को इस नंबर पर फोन लगाया तो कलेक्टर के आदेश और जारी नंबर की हकीकत सामने आई। कलेक्टर ने अब तक कई बार बैठको में निर्देश दिए तो सभी सरकारी विभागों को लगाने के लिए कहा, लेकिन तमाम निर्देशों के बाद सरकारी महकमा ही उदासीन बना हुआ है। काम चल जरुर रहा है, लेकिन इतने दिनों बाद भी वाटर हारर्वेस्टिंग सिस्टम दफ्तरों की बिल्डिंगों पर नहीं लग पाया है।

कलेक्टर की रुचि से याद आया हारर्वेस्ंिटग सिस्टम
पानी को सहेजने के लिए वाटर हारर्वेस्टिंग की योजना लंबे समय से लागू है, लेकिन न तो सरकारी बिल्डिंगों में और न हीं निजी बहुमंजिला से लेकर अन्य इमारतों में यह लगाते हुए इसका पालन किया जा रहा है। लेकिन फिर भी जवाबदार विभाग इसका पालन कराने में रुचि नहीं दिखा रहे है। अब ऐसे में कलेक्टर मनोज पुष्प ने बारिश के इस दौर में इस पर रुचि दिखाई और लगाने के लिए निर्देश दिए और बार-बार समीक्षा कर रहे, तो फिर सरकारी विभागों की बिल्डिंगों में तक यह नहीं लग पा रहे है।

रूफ वाटर हार्वेस्टिग ड्राईग डिजाईन नक्शे के साथ देंगे आर्किटेक्ट
सीएमओ आरपी मिश्रा ने शहर के इंजीनियरों व आर्किटेक्ट की बैठक ली। इसमें कहा कि जो अनुमति के लिए नक्शे तैयार करें। उसके साथ अब अनिवार्य रुप से रफ वाटर हार्वेस्टिंग भी ड्रांईग डिजाईन में दें। भूजलस्तर को बढ़ाने के लिए इस सिस्टम को अनिवार्य करने की बात कही। रूफ वाटर हार्वेस्टिग से भुजल का लेवल बढेगा तो आगामी समय में हमें जल संकटों से निजात मिलेंगी।

२९ के बाद शुरु होगा कार्रवाई का दौर
डॉ. जेके जैन ने बताया कि सभी विभागों के अधिकारियों को जिला मुख्यालय पर २९ जुलाई तक अनिर्वाय रुप से लगाने के निर्देश दिए है। २९ को समीक्षा करेंगे। जिस विभाग में नहीं लगेगा। उन पर अब सीधे कार्रवाई की जाएगी। पिछली बैठको में निर्देशों के पर इस पर काम तो शुरु हो गया, लेकिन कई विभागों में अभी लगा नहीं है। सरकारी विभागों के अलावा आम लोगों को भी यह लगाने के लिए जागरुक किया जा रहा है। इस मामले में जिन्हें जवाबदारी दी गई। उनमें से कोई भी लापरवाही करेंगा तो कार्रवाई होगी।

पांच सालों में नपा ने कभी नहीं दिखाई रुचि
शहर में भवन निर्माण की अनुमति जारी करते समय नपा संबंधित व्यक्ति से वाटर हारवेॢस्टग के लिए जगह के अनुसार ७ से लेकर साढ़े १२ हजार रुपए जमा कराती है। और व्यक्ति अपने घर में यह सिस्टम लगाता है तो वह नपा में जमा की राशि वापस ले सकता है। लेकिन पिछले पांच से छ सालों में अनुमतियां तो अनेक हुई और कई लोगों ने वाटर हारवेस्टिंग के नाम की राशि जमा भी कराई। लेकिन वापस लेने अब तक सिर्फ ५-६ लोग ही पहुंचे। ऐसे में अधिकांश ने अपने घरों में यह सिस्टम नहीं लगाया। इतने सालों में नपा ने कभी इसमें रुचि नहीं दिखाई और इस पर कोई कार्रवाई तक नहीं की। इसी कारण शहर में अनेक बहुमङ्क्षजला इमारतों से कॉम्प्लैक्स बने है, लेकिन इनमें पानी सहेजने का यह सिस्टम नहीं लगा है। अब कलेक्टर ने सख्ती दिखाई तो नपा आनन-फानन में सबको नोटिस जारी कर रही है।

नोटिस जारी किए है
रेन व रुफ वॉटर हारवेस्टिंग के लिए इंजीनियर, आर्किटेक्ट से लेकर कॉलोनाईजर व अन्य व्यवसायियों के साथ बैठक कर नियमानुसार सभी भवनों में यह लगाने के निर्देश दिए जा रहे है। बने हुए भवनों में जहां नहीं लगा है। उन सभी को भी लगाने के लिए नोटिस जारी कर दिए है। -आरपी मिश्रा, सीएमओ
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.