कलेक्टर ने देरी से आने वाले सभी विभागों के अफसरों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए थे। साथ ही वहीं अगली बार देरी से आने पर सीधे तीन दिन का वेतन काटने का फरमान सुनाया था। लेकिन कई दिन बीतने के बाद भी एक दिन का भी वेतन नहीं कटा है। ऐसे में लापरवाह और देरी से आने वाले अधिकारियों को कलेक्टर की नसीहत भी बेअसर लग रही है।
इनके वेतन काटने के दिए थे निर्देश
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला आपूर्ति अधिकारी, अधीक्षक भू.अभिलेख, एमपीआरडीसी, उपसंचालक कृषि विभाग, महाप्रबंधक उद्योग, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, अधीक्षण यंत्री एमपीईबी, जिला आयुष अधिकारी, एआरटीओ, प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम, जिला विपणन अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मंदसौर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मल्हारगढ़,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सीतामऊ, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गरोठ, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत भानपुरा, सीएमओ पिपलिया मंडी, सीएमओ शामगढ़, सीएमओ नारायणगढ, सीएमओ सीतामऊ, सीएमओ नगरी, सब इंजीनियर नगर पंचायत सीतामऊ, नगर पंचायत शामगढ़, सब इंजीनियर सहित अन्य को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के साथ एक दिन के वेतन काटने के निर्देश दिए थे।
यह होती है प्रक्रिया
जिला कोषालय अधिकारी बीएम सुरावत ने बताया कि कलेक्टर द्वारा कोई भी वेतन काटने के निर्देश दिए जाते है। जो उसमें संबंधित विभाग के डीडीओ के पास एक पत्र जाता है। उसकी एक कॉपी जिला कोषालय कार्यालय आती है। डीडीओ द्वारा संबंधित का वेतन काटा जाता है। और उसका सर्टिफिकेट हमको दिया जाता है। उसके बाद कोषालय द्वारा उसकी सैलरी जारी की जाती है।
अभी नहीं कटा है वेतन
अभी तक किसी भी जिलाअधिकारी का वेतन इस माह का नहीं काटा गया है। -बीएम सुरावत, जिला कोषालय अधिकारी
कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा कि मैं इस मामले का दिखवाता हूं।