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बारिश ने तोड़े आशियानें, गेट पर धरना देकर मांगी मदद,

locationमंदसौरPublished: Aug 21, 2019 09:21:08 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

बारिश ने तोड़े आशियानें, गेट पर धरना देकर मांगी मदद

बारिश ने तोड़े आशियानें, गेट पर धरना देकर मांगी मदद,

बारिश ने तोड़े आशियानें, गेट पर धरना देकर मांगी मदद,

मंदसौर.
जिले के सीतामऊ जनपद पंचायत की गा्रम पंचायत बेलारा के गांव बाबरेचा के ग्रामीण मंगलवार को दोपहर में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। यहां उनकी समस्या किसी ने नहीं सुनी तो परेशान होकर महिलाएं व गांव के युवा कलेक्टर कार्यालय के सामने परिसर में प्रवेश के मुख्य द्वार पर ही धरने पर बैठ गए। आधे घंटे से अधिक समय तक चले धरने के बाद भी कोई भी अधिकारी उनकी समस्या सुनने नहीं आया। मौके पर पुलिस पहुंची। पुलिस ने पहले समझाने की कोशिश की, फिर डराकर उन्हें गेट से हटाने की कोशिश की। लेकिन वह नहीं मानें और धरने पर बैठे रहे। डेढ़ घंटे से अधिक समय तक घटनाक्रम चलता रहा, लेकिन कोई भी उन्हें समझाने तक नहीं आया। और मौके पर पुलिस ही मौजूद रही। कुछ समय बाद धरने दे रही महिलाएं खुद ही गेट से हट गई।
एडीएम भी निकलें तो कई अन्य अधिकारी भी निकलें पर किसी ने नहीं सुनी
धरना दे रही महिलाओं व ग्रामीणों की पुलिस के सिवा वहां किसी ने नहीं सुनी और पुलिस भी पूरे समय इन्हें प्रकरण दर्ज करने से लेकर हटने के लिए अलग=अलग तरीको से डराती-धमकाती रही। इस बीच एडीएम बीएल कोचले भी वहां से निकले तो कई अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी पूरे समय यहां आवाजाही करते रहे। कलेक्टर परिसर में प्रवेश के जिस गेट पर ग्रामीण धरना दे रहे थे। उसके समीप एक और गेट है। उस गेट से सभी की सुचारु आवाजाही चलती रही तो और परेशानी लेकर यहां पहुंचे इन ग्रामीणों की किसी ने नहीं सुनी।
इसलिए धरने पर बैठी ग्रामीण महिलाएं
गांव के विनोद, बाबूलाल सहित बड़ी संख्या में महिलाएं व ग्रामीण कलेक्टर के पास अपनी समस्या बताने पहुंचे थे। उनका कहना था कि गांव में आवास योजना का लाभ नहीं मिला। और पात्र हितग्राही परेशान हो रहे है। कई बार फाईल दे दी, लेकिन आवास अब तक नहीं मिला। बारिश से कई लोगों के कच्चे मकान टूट गए, लेकिन कोई भी मदद के लिए या पंचनामा बनाने तक नहीं आया। पूरे घर भीगे हुए है तो घरेलु सामान भी। कच्चे मकानों में रहते हुए मजदूरी कर परिवार चला रहे है अब ऐसे में बच्चों की पढ़ाई से लेकर घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। यहां आए तो भी कोई समस्या सुनने वाला नहीं। कार्यालय के अंदर गए तो बाहर निकाल दिया। इससे व्यथित होकर ही धरना दे दिया। फिर भी कोई जवाबदार अधिकारी ग्रामीणों की समस्या सुनने या उनके पास तक नहीं आया। दो घंटे से अधिक समय तक वहां मौजूद पुलिस के हाथ जोड़कर तो उन्हें समस्या सुनाकर थक हार कर खुद ही गेट से हट गए। बाद में एडीएम बीएल कोचले ने धरने पर बैठे लोगों में से ५ लोगों को बुलाया और चर्चा कर समस्या लिखकर देने की बात कही।
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