यह कहना है ग्रामीणों का
ग्रामीणों का कहना है जब ओलावृष्टि हुई तो सभी जगहों पर नुकसानी का आंकलन के लिए सर्वे शुरु हुआ। हमारे गांव में भी हुआ। हमारे गांव का नाम सर्वे में शामिल भी था, लेकिन मुआवजा वितरित होने से पहले सूची में से गांव का नाम काट दिया गया है। इससे गांव के किसान मुआवजे से वंचित हो गए। पिछले दो से तीन माह से दफ्तरों में चक्कर लगा रहे है। बावजूद आश्वासन से आगे कुछ नहीं मिला। इधर फसल में नुकसानी के कारण आर्थिक दिक्कत झेलना पड़ रही है। लगातार प्रशासन की और से उपेक्षा और टालमटोली के कारण रविवार को लोकसभा चुनाव के मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय ग्रामीणों ने लिया। ग्रामीण गांव के एक चौराहें पर सुबह के समीप एकत्रित हुए और मतदान का बहिष्कार कर मतदान प्रक्रिया से दूरी बना ली।