शहर की बदहाल सडक़ों को है मरम्मत का इंतजार
शहर की बदहाल हो चुकी सडक़े इन दिना गड्ढों में तब्दील है। विभागीय प्रक्रियाओं को लेटलतीफी के बीच सडक़ जर्जर होती जा रही है। बारिश के समय शहर का मुख्य मार्ग और पूरे शहर के आंतरिक मार्ग गड्ढों में तब्दील हो गए और यहां से गुजरने के दौरान लोगों को काफी मशक्कत करना पड़ी जो कई माह बीतने के बाद अब भी बनी हुई है। चार से पांच माह से अधिक समय बीत गया लेकिन शहर की सडक़ों की सूरत नहीं बदली और गड्ढें भी नपा नहीं भर पा रही है। ऐसे में प्रशासक के तौर पर कलेक्टर ने सडक़ो के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर काम करने को कहा तो नियमों में जो नहीं है ऐसे शर्त रखी थी जिसके कारण विवाद बढ़ा और फिर से सिरे से टैंडर करना पड़े जो अब खुलने के साथ प्रक्रिया पूरी हो रही है।
टैंडर में शर्ते डालने के कारण सुर्खियों में आया था मामला
बारिश में जर्जर हुई शहर की सडक़ो को सुधारने के लिए नगर पालिका ने सर्वे करने के बाद दो करोड़ का टैंडर लगाया। इसमें ४० सडक़ो को लिया गया। इसमें गड्ढों के पेचवर्क से लेकर जहां जरुरत है वहा सडक़ पर डामरीकरण करना तक शामिल था और सडक़ो की पूरी तरह सूरत सवारना इसमें शामिल था, लेकिन टैंडर के साथ ऐसी शर्ते जोड़ी गई जो नियम व मापदंड में नहीं आती है। इसी कारण मामला सुर्खियों में आया और विवादों में घिर गया। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा तो सडक़ो की मरम्मत को लेकर दोबारा टैंडर करने की कार्रवाई की गई। अब दो लोगों ने टैंडर में रुचि दिखाई है। अब बाकी की प्रक्रिया के बाद सडक़ो की मरम्मत का काम होगा।
रेट भी आ गए है
पहले टंैडर में रेट भी अधिक आए थे। इस बार टैंडर में रेट भी आ गए है जो पहले की अपेक्षा कम है। शेष प्रक्रिया को पूरा कर जल्द ही काम को शुरु कराया जाएगा। आगामी समय में दो करोड़ के इस प्रोजेक्ट में सडक़ो को संवारा जाएगा। -पीके सुमन, सीएमओ