सूचना के बाद भी बिजली बंद कर डीपी सही नही की
जानकारी के अनुसार 20 जून को तेज आंधी से डीपी गिर गई। डीपी से लगे तार भी खेत में पड़े थे। किसानों ने इसकी सूचना विद्युत वितरण कंपनी को भी दी थी, लेकिन डीपी व तार को सही नही किया। इस दौरान करंट लगने से एक बकरी की मौत हो गई। वहीं 3 जुलाई को नाबालिग बालक को करंट लगा। इसकी सूचना भी ग्रामीणों ने विद्युत वितरण कंपनी को दी फिर भी डीपी व तार को सही नही किया। आखिरकार युवा किसान की झुलसने से दर्दनाक मौत हो गई। ग्रामीणों ने हादसे के लिए विद्युत वितरण कंपनी को जिम्मेदार ठहराया।
कांग्रेस नेता की हुई टीआई से हुई बहस
किसान विनोद का शव लेकर ग्रामीण नाहरगढ़ थाने पहुंचे। यहां पुलिस ने उन्हें भगाने की कोशिश की। इसी को लेकर कांग्रेस नेता व टीआई गिरीश जेजुलकर में बहस भी हुई। इस दौरान ग्रामीण आक्रोशित हो गए। कांग्रेस नेता श्यामलाल जोकचंद्र, कमलेश पटेल, जिला पंचायत सदस्य जगदीश धनगर, भोपालसिंह, गजेंद्र धाकड, भागीरथ शर्मा सहित ग्रामीणजन नाहरगढ़ थाने पहुंचे। यहां टीआई ने कांग्रेस नेता जोकचन्द्र का हाथ पकड़ लिया। इसके बाद विवाद बढ़ गया। और पुलिस व नेताओं में जककर कहासुनी हुई।
पांच घंटे चला प्रदर्शन अधिकारी पहुंचे लिखित में लिया आश्वासन
कांग्रेस नेता किसान के परिजन को आर्थिक सहायता व परिवार के एक व्यक्ति को शासकीय नोकरी देने की मांग पर अड़ गए। मामले की जानकारी एसडीएम मुकेश शर्मा को मोबाइल पर कॉल की, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। बाद में कलेक्टर गौतमसिंह को घटना की जानकारी देकर परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग की। थाने पर चले 5 घंटे तक प्रदर्शन के बाद तहसीलदार वंदना हरित, विद्युत वितरण कंपनी के डीई विनोबा तिवारी धरनास्थल थाने पर आए। काफी देर तक बहस हुई। मांग नही मानने पर कांग्रेस नेता बोले हम शव नही ले जाएंगे। यह शव विद्युत कंपनी को सुपुर्द कर जाएंगे। शाम 5.30 बजे विद्युत कंपनी के अधिकारी तिवारी ने आश्वासन दिया कि 6 लाख रुपए विद्युत वितरण कंपनी की ओर से व 4 लाख रुपए राजस्व विभाग की ओर देंगे व मृतक की पत्नी को नोकरी देंगे। इसके बाद धरना समाप्त हुआ।