करीब १ लाख किसानों को राशि का है इंतजार
समर्थन मूल्य पर हुई गेंहू खरीदी में जिले में २१ हजार से अधिक किसानों ने अपना गेंहू बेचा था। इन्हें समर्थन की राशि तो मिली लेकिन राज्य शासन से मिलने वाली बोनस की १६० रुपए प्रति क्विंटल की राशि मिलना बाकी है। इसी तरह जून माह में प्याज प्रोत्साहन योजना में प्याज बेचने वाले जिले के ३ हजार ७ किसानों को अंतर की राशि का इंतजार है। शासन ने ८०० रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। इसमें मंडी में जिस भाव बिका, उसमें और सरकार द्वारा तय मूल्य के अंतर की राशि सरकार देगी। यह किसानों को अब तक नहीं मिली है। वही २०१८ में विधानसभा चुनाव के दौर में २० अक्टूबर-२०१८ से लेकर १९ जनवरी-२०१९ तक भावांतर में सोयाबीन की खरीदी का दौर चल रहा था। इसमें जिले के ६४ हजार ६७३ किसानों ने सोयाबीन बेची। जिन्हें फ्लैट रेट जो तय था। वह मिलना है। ५०० रुपए तक का फ्लैट रेट मिलना था। जो लगभग एक साल होने के बाद भी नहीं मिला है। इस तरह समर्थन के बोनस और प्याज प्रोत्साहन से लेकर भावांतर की राशि में जिले के १ लाख किसानों को राज्य शासन से राशि मिलने का इंतजार है।
विभाग को नहीं पता, कब तक मिलेगी राशि
किसानों को भले ही लंबे समय से राशि मिलने का इंतजार हो, लेकिन कृषि विभाग को नहीं पता है कि राशि किसानों को कब मिलेगी। किसानों ने खाता नंबर से लेकर अपनी जानकारी विभागों को उपलब्ध करा रखी है। उसी में राशि जाना है, लेकिन शासन स्तर का निर्णय होने के कारण इस मामले की विभागीय अधिकारियेंा को कोई जानकारी नहीं है। इसी कारण राशि के लिए बार-बार दफ्तरों में चक्कर काट रहे किसानों को विभागों से निराशा ही मिल रही है। लेकिन समर्थन और प्याज तो ठीक लेकिन भावांतर की सोयाबीन की राशि के लिए किसान एक साल से इंतजार कर रहे है।