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बहू की हत्या करने वाले ससुर को आजीवन कारावास की सजा

locationमंदसौरPublished: Dec 13, 2019 08:05:32 pm

Submitted by:

Vikas Tiwari

बहू की हत्या करने वाले ससुर को आजीवन कारावास की सजा

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मंदसौर.
तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश रूपेश कुमार गुप्ता द्वारा बहू की हत्या करने वाले ससुर को हत्या को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास एवं १० हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। मीडिया सेल प्रभारी नितेश कृष्णन के बताया कि आरोपी जगदीश बंजारा ने 26 जून 2017 को पुलिस थाना नारायणगढ पर उपस्थित होकर अपनी बहू राजीबाई पति पिंटू बंजारा के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई की उसकी बहू राजीबाई दोपहर से घर से बिना बताए कहीं चली गई है। रिपोर्ट से पुलिस के द्वारा गुम इंसान रिपोर्ट दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया। पुलिस के द्वारा अनुसंधान के दौरान घर के आसपास रहवासियों से पूछताछ करने व सूचना संकलन करने पर पाया गया कि जिस दिन राजीबाई लापता हुई थी उस दिन जगदीश का उसकी बहू से झगड़ा हुआ था। औ घर के बाहर बहुत आवाज आ रही थी। सूचना पर से जगदीश बंजारा से पुलिस के द्वारा उसकी बहू के संबंध में पूछताछ करने पर बताया कि 26जून 2017 को उसका उसकी बहू राजीबाई से माईके जाने की बात को लेकर झगड़ा हुआ था ओर उसे गुस्से मेें आकर दराते से उसकी बहू के सिर पर वार करके उसकी हत्या कर दी थी और पकडे जाने की डर से उसने उसकी बहू के शव को गांव के बाहर बने एक खेत पर रात के अंधेरे में ले जाकर खेत में गड्डा करके उसमें दबा दिया है। पुलिस के द्वारा जगदीश की निशानदेही से खेत पर जाकर खुदाई करने पर एक महिला का शव मिला। जिसकी शिनाख्तगी राजीबाई के भाई कारू व शामलाल ने अपनी बहन राजीबाई के रूप की थी। पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में अभियोज प्रस्तुत किया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण को जिला स्तरीय समिति के द्वारा चिन्हित जद्यन्य सनसनीखेज प्ररकण की श्रेणी में रखा गया था। अभियोजन के द्वारा आरोपी के अपराध को प्रमाणित कराकर आरोपी को उसके कृत्य के लिए कठोर दंड से दंडित करने के लिए निवेदन किया गया। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश रूपेश कुमार गुप्ता के द्वारा आरोपी जगदीश बंजारा पिता हरलाल बंजारा निवासी गोपालपुरा नारायणगढ़ को अपनी बहू की हत्या करने का आरोपी मानते हुए धारा 302 भादवि मेें आजीवन कारावास एवं 10 हजार रूपए जुर्माना से दण्डित किया गया एवं धारा 201 भादवि में 2 साल कारावास एवं एक हजार रूपए जुर्माने से दण्डित किया गया। प्रकरण में अभियोजन का संचालन उप संचालक अभियोजन बापुसिंह ठाकुर के द्वारा किया गया एवं सक्रिय सहयोग एडीपीओ नितेश कृष्णन के द्वारा किया गया ।
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