सत्याग्रहियों का कहना था कि प्रशासन में बैठे जवाबदार व जनप्रतिनिधि जो शिवना को अनदेखा कर रहे है। उन्हें जगाने के लिए काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। शिवना को श्ुाद्ध करने के साथ नालों को नदी में मिलने से रोकने की मांग की। १ घंटे तक काली पट्टी बांधकर नदी में खड़े होकर शिवना शुद्धिकरण व नदी के उद्वार की मांग इन सत्याग्रहियों ने की।
पहले की प्रार्थना फिर तिरंगा लेकर नदी में उतरें
रविवार को अपने पांचवे जलसत्याग्रह के पहले सभी कालीपट्टी बांधकर भगवान पशुपतिनाथ के गर्भगृह में पहुंचे। जहां उन्होंने जवाबदार लोगों को शिवना से न्याय करने के लिए सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की। इसके बाद सभी सत्याग्रही तिरंगा हाथों में लेकर व नदी के उद्वार व शिवना से जुड़े स्लोगन की बनी तख्तियों को लेकर शिवना के ठंडे पानी में उतरे।
एक घंटे तक इन्होंने यहां खड़े रहरक सत्याग्रह करते हुए शिवना को शुद्ध करने की मांग की। हर रविवार को किए जा रहे सत्याग्रह के बाद भी अब तक नदी के लिए किसी तरह की पहल नहीं होने के कारण आक्रोश सामाजिक कार्यकर्ता अपने आंदोलन को व्यापक रुप दे रहे है तो शहरवासी भी इससे जुड़े रहे है। रविवार को किए गए सत्याग्रह के दौरान सत्येंद्रसिंह सोम, सुनील बंसल, बंशीलाल टांक, विनय दुबेला, राजेश चौहान, अरविंद बामनिया, गोपालराव, अरुण गौड़, एमपीसिंह परिहार, संदीप मंडोरा, हरीनारायण टेलर, पवन गुप्ता, कैलाश चाँैहान, रवींद्र पांडे, अजीजउल्ला खान के साथ अनेक लोग मौजूद थे। जल सत्याग्रह के दौरान इन प्रदर्शनकारियों ने शिवना को शुद्ध करने के लिए नारेबाजी भी की।
अगले रविवार को नदी में करेंगे सद्बुद्धि यज्ञ
अभियान में शामिल सत्येंद्र सोम ने बताया कि अगले रविवार को छटा जल सत्याग्रह होगा। इसमें नेताओं व प्रशासन में जवाबदार पदों पर बैठे लोगों की सद्बुद्धि के लिए नदी में खड़े होकर जल सत्याग्रह के साथ यज्ञ किया जाएगा। और सद्बुद्धि के लिए आहुतियां दी जाएगी। इसमें यह प्रार्थना की जाएगी कि शिवना के साथ जो न्याय नहीं कर पा रहे है। भगवान या तो उन्हें सद्बुद्धि दे या फिर जिन जवाबदार पदों पर बैठे है। उन से निवृत्त कर दें।