scriptपेड़ो की हरी पत्तियां खाने के लिए जमा हुआ ऊंटो का झुंड | flock of camels gathered to eat green leaves of trees | Patrika News

पेड़ो की हरी पत्तियां खाने के लिए जमा हुआ ऊंटो का झुंड

locationमंदसौरPublished: Jun 26, 2022 02:15:51 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

पेड़ो की हरी पत्तियां खाने के लिए जमा हुआ ऊंटो का झुंड

पेड़ो की हरी पत्तियां खाने के लिए जमा हुआ ऊंटो का झुंड

पेड़ो की हरी पत्तियां खाने के लिए जमा हुआ ऊंटो का झुंड



भैंसोदा.
मप्र सहित मालवा के क्षेत्र में कुछ समय बिताने के बाद अब ऊंट पालको ने राजस्थान की और कूच करना शुरू कर दिया है। नगर के मुख्य मार्ग से सुबह सुबह रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाले ऊटो का कारवा गुजरा तो मुख्य मार्ग के नजदीक हरे भरे पेड़ो पर लगी हरी पत्तियां खाने के लिए टूट पड़े। और पत्तियां खा कर अपनी भूख मिटाते नजर आये। रेगिस्तानी क्षेत्रों में विचरण करते समय हरी भरी पत्तियां शायद ही ऊटो को नसीब होती है। ऐसे में जब मप्र क्षेत्र में ऊटंों को हरी पत्तियां एवं घास का आहार करने का मौका मिला तो ऊटों ने ये अवसर हाथ से जाने नहीं दिया। बड़े बड़े पेड़ों पर लगी पत्तियां और उनकी टहनियों को क्षण भर में अपना आहार बना लिया। गर्मी के मौसम में पठारी क्षेत्र में हरी घास की कमी के कारण ऊंट पालक मैदानी क्षेत्रों के जंगलो सहित अन्य स्थानों पर कुछ महीनों के लिए अस्थायी निवास बनाकर ऊंटों का पालन पोषण करते है। साथ ही साप्ताहिक हाट बाजारो में भी ऊंटो की बिक्री-खरीद के लिए जाते है। ऐसे में अब जब बारिश निकट है तो ऊंट पालक ऊंटो को लेकर अपने स्थायी निवास की और बढ़ रहे है।
………
अपने घर की और लौट रहे गडरिएं
फोटो एमएन २६१८
शामगढ़.
जनवरी-फरवरी माह में राजस्थान के पाली जिले से कई गांव से गडरिया अपनी हजारों की संख्या में गडरिए एवं ऊंट के साथ अपने परिवार के बच्चे एवं महिलाओं सहित बड़ी संख्या में काफिला गुजरता है। दोपहर में 5 से 10 किमी पैदल चलते हुए हुए महाराष्ट्र बॉर्डर व्यापार व्यवसाय करने के लिए पैदल पहुंचते हैं और फिर मानसून की दस्तक से पूर्व ही वहां से निकलते हुए शामगढ़ नगर में 3 से 4 दिनों से लगातार अलग-अलग खेत में ऊंट और गडरिए निकल रही है। नगर से गुजरने वाला ऊटों का काफिला इन दिनों लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। नगर के जिन क्षेत्रों से रेगिस्तान के जहाज ऊंट कतार बंद होकर गुजरते हैं वहां राहगीर उन्हें देखते ही रह जाते हैं नगर के जिन स्थानों से वोटों का काफिला गुजरता है। बड़ी संख्या में लोग नगर से गुजरने वाले ऊंटों के कातिलों को देखने पहुंच रहे हैं। आलोट से भानपुरा के प्रमुख टू लाइन पर इन दिनों काफी संख्या में ऊंट और गाडरे निकल रही है। काफिले के साथ रहने वाले मांगीलाल रणछोड़ मानसिंह तूफान सिंह ने बताया कि काफिले में जा रहे किसान व्यापारी खरीदी बेच करते हैं। वहां पर सही दाम में ऊंट मिल जाते हैं। व्यापारियों ने बताया कि इन ऊटों को घर ले जाकर अपने पुश्तैनी धंधा खेत खलियान में काम करवाते हैं। उन्हें इस बात का मलाल है कि जून-जुलाई में वापस हमारा काफिला गरोठ भानपुरा होते हुए राजस्थान बॉर्डर रोज करते हुए रावतभाटा होते हुए हमारे गांव की ओर जा रहे हैं क्योंकि मानसून लगातार बढ़ रहा है और बारिश से पूर्व ही हम घर पहुंच जाए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो