फसल वर्ष -2017 सोयाबीन का बीमा कंपनी द्वारा पास किया गया। बीमा राशि किसानों को नहीं मिलने पर संस्था के बाहर किसानों द्वारा धरना दिया गया। धरने में किसानों ने संस्था में फसल बीमा में विसंगतियां खाद पर अनुदान कर्ज माफी में आई समस्या ब्याज के नाम पर वसूली की समस्या के खिलाफ खुलकर संस्था कर्मचारियों पर किसानों ने भड़ास निकाली। 2 साल बाद भी कुछ किसानों को बीमा मिला बाकी। संस्था कर्मचारियों पर कई आरोप किसानों द्वारा लगाए गए।
बाद में मुख्यमंत्री और कलेक्टर के नाम ज्ञापन नायब तहसीलदार टप्पा धुंधडका कविता कडेला को दिया गया। वाचन गोपाल औझा द्वारा किया गया। ज्ञापन में किसानों की मांग अनुसार 10 दिनों में फसल बीमा की राशि मिलना खाद पर अनुदान जैसे मुद्दे हल नहीं हुए तो सोसायटी के बाहर किसानों द्वारा भूख हड़ताल की जाएगी।
डेढ़ घंटे चला धरना
धरना करीब डेढ़ घंटा चला किसानों के आरोपों पर कर्मचारी किसानों के सामने सफाई देते रहे दो से तीन बार किसान एवं संस्था कर्मचारियों के बीच नोकझोंक जैसी स्थिति भी निर्मित हुई। यहां अफजलपुर थाना पुलिस मौजूद थे।कुछ किसानों का कहना था संस्था अध्यक्ष विहीन है इसलिए इतनी समस्या आ रही है। कर्मचारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। गौरतलब है कि 11 सदस्यों में से 6 सदस्यों के इस्तीफा देने से संस्था अध्यक्ष विहीन हो गई।
इस कारण किसानों की समस्या किसान किसके समक्ष उठाए आरोपों एवं धरना के विषय पर संस्था प्रबंधक वीरेंद्र सिंह सिसोदिया ने बताया वर्ष 2017 सोयाबीन का बीमा 710 नियमित लेनदेन वाले किसानों को मिल गया। 6 72 कालातीत किसानों के खाते में बीमा राशि समायोजित की गई। 418 किसानों की सूची जिला सहकारी बैंक शाखा दलोदा भेजी है जल्द ही राशि खाते में डाल दी जाएगी।