तीन सीजन का मिला नहीं, चौथे का कब मिलेगा पता नहीं
बारिश से वर्तमान में खराब हुई फसल पर किसान मुआवजे की आस लगाए बैठे है और मांग कर रहे है। लेकिन फसल बीमा में फसल कटाई प्रयोग के आधार पर नुकसानी का आंकलन तय कर सहायता राशि कंपनी द्वारा दी जाती है। वर्ष २०१७ में खरीफ का मुआवजा मिला था। रबी का नहीं मिला तो वर्ष २०१८ में रबी-खरीफ दोनों सीजन का बाकी है। तीन सीजन का बीमा अब तक किसानों को मिला नहीं और चौथी सीजन में फिर से बारिश ने फसल चौपट कर दी है और फिर कंपनी की और किसान राशि की मांग कर रहे है। अब विभाग से लेकर प्रशासन व शासन स्तर से किसानों को इस बात का जवाब नहीं मिल रहा है कि लगातार बाकी चल रहे फसल बीमा का लाभ आखीर कब तक मिलेगा।
ढाई लाख में से 1 लाख 16 हजार ने कराया बीमा
इस बार जिले में फसल बीमा की कंपनी बदली गई है। अब रिलायंस कंपनी फसल बीमा का काम कर रही है। बंैक व सोसायटियों से कर्ज लेने वाले जिले के करीब १ लाख १६ हजार किसानों का ही इस बार बीमा हो पाया। इसके अलावा डेढ़ लाख किसान ऐसे है। जिनका बीमा नहीं हुआ है। ऐसे में बीमा नहीं कराने वाले किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिलेगा और नुकसानी की भरपाई के लिए शासन ने इसके अलावा अन्य कोई आदेश अब तक नहीं दिए है। ऐसे में डेढ़ लाख से अधिक ऐसे किसान है। जिन्हें फसल नुकसानी पर सहायता नहीं मिलेगी।
साढ़े 7 हजार फसल नुकसानी की शिकायतें दर्ज
फसल बीमा कंपनी ने टोल फी्र नंबर जारी किए थे। इस पर जिले से ७ हजार किसानों ने अब तक शिकायत दर्ज करा चुकी है। ऑन लाईन पर ७ हजार के अलावा ५०० शिकायतें ऑफ लाईन किसानों ने दी है। विभाग ने सोसायटियों व बैंकों में ऑपलाईन फॉर्म की व्यवस्था कर रखी है।
40 प्रतिशत हुआ नुकसान
बारिश से जिले में ४० फीसदी फसलों का नुकसान हुआ है। पूरे जिले में सोयाबीन की फसल में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। बीमा कंपनी इन्हें अपने नियम के अनुसार सहायता देगी। जिले से साढ़े ७ हजार शिकायत बीमा कंपनी के पास नुकसानी की दर्ज की गई है। कंपनी सर्वे कर रही है। जिनकी फसलों का बीमा नहीं है, उन्हें सहायता बीमा कंपनी से नुकसानी पर सहायता नहीं मिलेंगी।-डॉ. एएस राठौर, उपसंचालक, कृषि