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अब छलकने को तैयार एशिया की पहली मानव निर्मित झील

locationमंदसौरPublished: Aug 17, 2019 01:30:44 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

अब छलकने को तैयार एशिया की पहली मानव निर्मित झील

अब छलकने को तैयार एशिया की पहली मानव निर्मित झील

अब छलकने को तैयार एशिया की पहली मानव निर्मित झील


मंदसौर.
जिले में गांधीसागर झील वर्तमान में बारिश के इस दौर में लबालब भरी हुई है। प्रदेशभर में कई बांध के गेट बारिश के इस दौर में खोलने पड़े, लेकिन इतनी बारिश के बीच भी गांधीसागर का अब तक एक गेट नहीं खुला। हालांकि एशिया की पहली मानव निर्मित यह झील अब झलकने को तैयार है। अब जलस्तर १३०० फीट पार कर गया है। ऐसे में अब कुछ दिन और बारिश हुई तो गांधीसागर के गेट खोलना पड़ेंगे। गांधीसागर बांध की कुल क्षमता १३१२ फीट है। इन दिनों यहां हजारों की संख्या में पर्यटक देखने के लिए पहुंच रहे है।

तीन साल हो गए गेट नहीं खुले, 2016 में खुले थे गेट
ग्रीष्मकाल में गांधीसागर का जलस्तर १२६० फीट था। मंदसौर में लगातार हो रही भारी बारिश और लगातार उफनते नदी-नालों के बीच इस बार तेजी से गांधीसागर का जलस्तर बढ़ा और अब यहां का जलस्तर १३०४ तक पहुंच गया। १३१२ इसकी क्षमता है। ऐसे में कुछ दिन में यहां तीन साल बार गेट खुलने की संभावना है। वर्ष २०१६ में इसके गेट इससे पहले खोले गए थे। यहां के गेट खुलने से राजस्थान के क्षेत्र में पानी-पानी हो जाता है। .

जीवनरेखा बन गया गांधीसागर
वर्षों पहले जिस परिकल्पना के साथ गांधीसागर की नींव रखी गई थी, अब वह साकार हो रही है। गांधीसागर के पानी से बिजली उत्पादन किया जाता है तो भानपुरा क्षेत्र सहित पूरा जिला कुछ हिस्से को छोड़ इससे पानी पी रहा है। अब गांधीसागर के पानी से रतलाम, मंदसौर व नीमच जिले के १७८४ गांवों की प्यास बुझाने की बड़ी योजना बनकर तैयार है। यहां का पानी इतने गांवों की प्यास बुझाएगा तो गांधीसागर भानपुरा, गरोठ सहित मंदसौर जिले के खेतों की प्यास भी बुझाने का काम कर रहा है। इससे कई नहरें निकल रही है जो खेतों में फसलों की प्यास बुझा रही है। यहां घुमने आने वाले लोग भानपुरा क्षेत्र में छोटे-बड़े महादेव, चंदवासा के समीप धर्मराजेश्वर, भानपुरा में दुधाखेड़ी माता मंदिर, चतुर्भुजनाथ, हिंगलाजगढ़ सहित आसपास में स्थित कई पर्यटक स्थल भी घुमने के लिए पहुंच रहे है।

50 हजार पर्यटक इन दिनों हर दिन यहां पहुंच रहे है
पहाडिय़ों के बीच स्थित गांधीसागर झील बड़े क्षेत्र में फैली है। समीप में ही राजस्थान की सीमा भी लगी है। यहां पर इन दिनों हरियाली के बीच लबालब भरे पानी के साथ इस नजारें को देखने के लिए प्रतिदिन ५० हजार लोग यहां पहुंच रहे है। गांधीसागर डेम के अलग-अलग गेट है। इस तरह ८ गेट है और हर एक गेट में अलग में अलग-अलग विशेषता है। यहां सोसाईट पांईट है तो वोटिंग का लुफ्त उठाने में लोग पहुंच रहे है। तो यहां के नजारें को देख आने वाले लोगों में सेल्फी फिवर भी देखा जा रहा है।

काटजू के कार्यकाल में नेहरु ने दी थी सौगात
कहा जाता है कि एशिया की पहली मानवनिर्मित झील की सौगात देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु ने मंदसौर को दी थी। मुख्यमंत्री कैलाशनाथ काटजू के कार्यकाल के समय गांधीसागर की सौगात देने नेहरु यहां आए थे। इस दौरान देश का पहला रोड शो भी नीमच से गांधीसागर तक हुआ था। इसमें नेहरु व काटजू के साथ अन्य नेता सवार थे। रोड शो गांधीसागर पहुंचा और यहां नेहरू ने गांधीसागर बांध की सौगात मंदसौर को दी थी। इसका आज भी मंदसौर हीं नहीं पूरे प्रदेश को लाभ मिल रहा है।
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