मंदसौर

इस बार 10 दिन नहीं 11 दिन तक मनेगी गणेश चतुर्थी

मंदसौर.इस साल भक्त एक दिन ज्यादा सिद्धि विनायक भगवान गणेश जी की पूजा कर सकेंगे क्योंकि इस बार गणेशोत्सव 10 दिन का ना होकर, 11 दिनों का होगा।

मंदसौरAug 21, 2017 / 03:02 pm

bhuvanesh pandya

festival


ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस अवधि में दो दशमी तिथि पड़ रही हैं। इस बार 31 अगस्त और एक सितंबर दोनों ही दिन दशमी तिथि रहेगी। गणोत्सव 25 अगस्त से शुरु होकर अनंत चतुर्दशी तक चलेगा। उल्लेखनीय है कि हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का दिन बेहद शुभ माना जाता है। कई लोग इस दिन शुभ कार्य की शुरुआत करते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत इस दिन करने से फल अच्छा मिलता है।


रवियोग में होगी शुरुआत, 12वें दिन होगी विदाई
दशमी तिथि दो दिन होने के कारण गणेश उत्सव एक दिन के लिए बढ़ गया है। पांच सितंबर को अनंत चतुर्दशी होगी, इसी दिन गणपति जी का विसर्जन किया जाएगा। 31 अगस्त और एक सितंबर दोनों ही दिन दशमी तिथि रहेगी। बता दें कि इस बार गणेश उत्सव की शुरुआत रवि योग में होगी।


24 को तीज, बाजारों में बढ़ी चहल-पहल
पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं तीज पर्व करती हैं। इस वर्ष तीज 24 अगस्त को मनाई जाएगी। महिलाएं भगवान शिव और महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है। इसको लेकर चहल पहल बढ़ गई है। तीज के बाजार में महिलाओं की भीड़ जुटने लगी है़। तीज पर्व में सोलह शृंगार का काफी महत्व है। साथ ही डिजाइनर साडिय़ां और मेहंदी भी व्रतियों के लिए खास महत्व रखता है। यह व्रत निर्जला किया जाता है। हरितालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर के लिए करती है। मान्यता है कि तीज करने से व्रती की हर मनोकामना पूरी होती है। सुहागिन महिलाओं का सौभाग्य अखंड बना रहता है और उसे सात जन्मों तक पति का साथ मिलता है।


प्रदोष काल में पूजा का समय उपयुक्त
पंडित कैलाशचंद्र भट्ट ने बताया कि 24 अगस्त को दिन के 3.57 बजे से हस्ता नक्षत्र शुरू हो रहा है। इस दिन रात 9.16 बजे तक तृतीया है। इसके बाद चतुर्थी की शुरुआत होगी। इस कारण 3.57 से 9.16 के बीच तीज पूजन के लिए अति उत्तम है। तृतीया तिथि 23 अगस्त की रात 9.40 बजे से शुरू हो रही है। तीज की पूजा के लिए प्रदोष काल का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस बार प्रदोष काल में पूजा के लिए काफी प्रयुक्त समय मिल रहा है, जो व्रतधारियों के लिए शुभ है। वहीं 25 अगस्त को गणेश चतुर्थी है, यह रात 9.23 बजे तक है। इस दिन शाम में भगवान की पूजा के लिए काफी समय मिल रहा है। 25 अगस्त को ही मिथिला का लोकपर्व चौठचंद्र भी है। इस दिन शाम 6.21 बजे चंद्रोदय होगा। रात 8.57 बजे तक चंद्रमा का दर्शन होगा। 25 अगस्त की शाम चंद्रमा के उदय के बाद अघ्र्य दिया जाएगा।


यह है मान्यता
भाद्रपद शुक्ल तृतीया को हरितालिका तीज का त्योहार शिव और पार्वती के पुनर्मिलन के अवसर पर मनाया जाता है़। मान्यता है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती 107 जन्म ली थी। अंतत: मां पार्वती के कठोर तप के कारण उनके 108वें जन्म में भगवान शिव ने पार्वती को अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया था। उसी समय से ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से मां पार्वती प्रसन्न होकर पति की दीर्घायु होने का आशीर्वाद देती है।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.