220 ग्राम पंचायतों ने नहीं की 44 करोड़ की राशि खर्च
220 ग्राम पंचायतों ने नहीं की 44 करोड़ की राशि खर्च

मंदसौर.
जिले मेंं 440 ग्राम पंचायतों में 220 ग्राम पंचायतें ऐसी है। जहां पर 20 लाख रूपए से अधिक की राशि रखी हुई है। लेकिन इस राशि से ग्राम पंचायत द्वारा विकास कार्य नहीं करवा जा रहे है। इसका खुलासा जिला पंचायत की मासिक बैठक में हुआ है। इसके बाद इन पंचायतों के जिम्मेदारों को सीईओ द्वारा निर्देशित किया गया है कि विकास राशि खर्च की जाए। इसके अलावा उद्यानिकी विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, खाद्य विभाग की भी समीक्षा की गई है। और आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
जिला पंचायत अध्यक्ष प्रियंक ा गोस्वामी ने बताया कि जिले की ४४० ग्राम पंचायतों में कितनी राशि किसके पास है इसको लेकर सूची मांगी गई थी। जिसमें सामने आया कि 220 ग्राम पंचायतें ऐसी है। जिनके पास 20 लाख रूपए या उससे से अधिक राशि है। प्रत्येक ग्राम पंचायत को जितनी राशि है उसका 80 फीसदी खर्च करना अनिवार्य है। उसके बाद ही अगली राशि पंचायतों को दी जाती है। इन पंचायतों के जिम्मेदारों को निर्देश दिए गए है कि इस राशि को पंचायत के विकास कार्यों में उपयोग करें।
कुपोषण खत्म करने के लिए पौधे की खोज
उन्होंने बताया कि सुरजनी की फली के अलावा किस औषधीय पौधे से कुपोषण खत्म हो सकता है इसको लेकर उद्यानिकी विभाग और महिला बाल विकास को आवश्यक दिशा निर्देश दिए है। इसके साथ ही आदिम जाति कल्याण विभाग और खाद्य विभाग की भी समीक्षा की गई। जिनको निर्देश दिए गए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।
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प्लास्टिक थैलियों पर प्रतिबंध, नियम का सख्ती से हो पालन
मध्यप्रदेश जैव अनाश्य अपशिष्ट नियंत्रण अधिनियम 2004 एवं 2017 के अंतर्गत सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि प्लास्टिक थैलियो का उत्पादन, भंडारण, परिवहन विक्रय व उपयोग करते पाए जाने पर मध्यप्रदेश जैव अनाश्य नियंत्रण अधिनियम 2004 एवं 2017 एवं उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत आपने विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। मुख्य नगर पालिका अधिकारी सविता प्रधान गौड ने बताया कि वैधानिक कार्रवाई के अंतर्गत निकाय के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के समय मध्यप्रदेश जैव अनाश्य अपशिष्ट नियंत्रण अधिनियम 2004 एवं 2017 का उल्लंधन पाए जाने पर संबंधित व्यक्तियों की प्लास्टिक थैलियों का स्टॉंक जप्त कर राजसात किया जाकर मौके पर स्पॉट फाईन 1000 रुपए तक वसूला जाएगा। स्पॉट फाईन नही दिए जाने पर संबंधित के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। जिसके अंतर्गत संबंधित के विरूद्ध 1 माह का कारवास या 1000 रुपए अर्थदंड अथवा दोनो से दंडित किया जा सकेगा। द्वितीय बार प्लास्टिक की थैलिया का उत्पादन, भण्डारण परिवहन, विक्रय और उपयोग करते पाये जाने पर तीन माह का कारावास या रुपए 5000 अर्थदण्ड अथवा दोनो से दंडित किया जा सकेगा।
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