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रोजगार सहायको की सेवा समाप्ति के विरोध में लामबंद हुए जिले के जीआरएस

locationमंदसौरPublished: Jun 18, 2019 12:05:09 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

रोजगार सहायको की सेवा समाप्ति के विरोध में लामबंद हुए जिले के जीआरएस

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रोजगार सहायको की सेवा समाप्ति के विरोध में लामबंद हुए जिले के जीआरएस


मंदसौर.
मप्र पंचायत सहायक सचिव संगठन जिले की तीन ग्राम पंचायतों के रोजगार सहायको को हटाते हुए उनकी संविदा सेवा समाप्ति करने के विरोध में जिले के सभी ४४१ पंचायतों के जीआरएस सोमवार को लामबंद हुए। जनपद पंचायत परिसर में एकजुट हुए। फिर नारेबाजी करते हुए रैली निकाली। और कलेक्टर के नाम डिप्टी कलेक्टर संदीप शिवा को ज्ञापन सौंपा। इसमें हटाए गए जीआरएस को फिर से बहाल करने की मांग की। नहीं तो आंदोलन की चेतावनी दी।

सहायक सचिव संगठन के जिलाध्यक्ष सुरेशसिंह परमार के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि जिले की सभी ४४१ पंचायतों में सरकार की सभी योजनाओं का क्रियान्वयक जीआरएस करवाते है। पंचायतों के लेबर बजट में तीन गुना वृद्धि कर दी गई है। इससे निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में दिक्कत आ रही है। गत दिनों लोकसभा चुनाव के दौरान अधिकांश पंचायतों में नवीन कार्यों की तकनीकि स्वीकृति प्राप्त नहीं होने के कारण नए काम शुरु नहीं हो पाए है। १३ जून को नरेगा में लक्ष्य प्राप्त नहीं करने के कारण मंदसौर जनपद के दो जीआरएस की संविदा सेवाएं समाप्त कर दी गई। जो अनुचित है। सिंदपन के जीआरएस द्वारा लोकसभा चुनाव में एसडीएम एवं जनपद सीईओ के आदेश पर मंदसौर तहसील में निर्वाचन का काम किया। बावजूद २७ मई को जिला पंचायत के सीईओ की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश पर जनपद एपीओ एवं उपयंत्री द्वारा कामों का निरीक्षण किया गया। सभी कामों में मानव दिवस पूरे कर दिए गए। नए काम टीएस नहीं आने के कारण शुरु नहीं हो पाए। लसुड़ावन रोजगार सहायक द्वारा भी लेबर नियोजन किया गया। इसके बाद भी लेबर नियोजन नहीं होने का हवाला देकर एकपक्षीय कार्रवाई की गई।

यह मांग भी रखी
इसके अलावा जीआरएस ने कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में नवीन कामों की टीएस व एएस की स्वीकृति जीआरएस के क्षेत्राधिकार में नहीं होने के कारण इसके लिए उन्हें उत्तरदायित्य नहीं माना जाए। बिना सरपंच, सचिव व उपयंत्री की अनुमति के जीआरएस मजदूर संलग्न नहीं कर सकता। नए कामों के पूरा होने पर पूर्णता प्रमाण पत्र का अधिकार भी जीआरएस को नहीं है। इसलिए जीआरएस पर एक पक्षीय कार्रवाई के बिना उसकी बात भी सुनी जाए। सुरी पंचायत में भी जीआरएस पर एकपक्षीय कार्रवाई की बात उन्होंने कही। सभी को सात दिन में बहाल करने की मांग ज्ञापन में की। इस दौरान बड़ी संख्या में जीआरएस मौजूद थे।

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